MSP Update: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब 10 महीने से जारी किसानों के आंदोलन के बीच केंद्र सरकार की ओर से अहम फैसला लिया गया। मोदी सरकार ने बुधवार को 2022-23 के लिए रबी की फसल की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। सरकार रोज नई-नई घोषणाओं से उन्हें यह भरोसा दिला रही है कि किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं होगा। एमएसपी बढ़ाने को लेकर पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने जानकारी दी।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि किसान भाइयों और बहनों के हित में सरकार ने आज एक और बड़ा निर्णय लेते हुए सभी रबी फसलों की एमएसपी (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। इससे जहां अन्नदाताओं के लिए अधिकतम लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होंगे, वहीं कई प्रकार की फसलों की बुआई के लिए भी उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि किसान भाइयों और बहनों के हित में सरकार ने आज एक और बड़ा निर्णय लेते हुए सभी रबी फसलों की एमएसपी (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। इससे जहां अन्नदाताओं के लिए अधिकतम लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होंगे, वहीं कई प्रकार की फसलों की बुआई के लिए भी उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा।
इसे बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कि कुछ लोग यह गलत सूचना फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दिया जाएगा। इसके विपरीत कृषि कानूनों के लागू होने के बाद एमएसपी पर फसलों की खरीद और एमएसपी की दर लगातार बढ़ रही है।
ज्ञात हो कि कृषि मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मोदी सरकार ने आरएमएस 2022-23 के लिए रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी कर दी है, ताकि किसानों को उनके उत्पादों की लाभकारी कीमत मिल सके। मसूर की दाल व कैनोला (रेपसीड) और सरसों के एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। चने के एमएसपी में 130 रुपये प्रति क्विंटल और कुसुम के फूल के एमएसपी में 114 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई। केंद्र सरकार ने गेहूं के एमएसपी में 40 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। अब गेहूं का एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
दिल्ली में टीएमए की वार्षिक बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कि हमारे देश में 80 फीसद छोटे किसान हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि छोटा किसान भी अपना उपकरण खरीद पाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद भी कृषि पैदावार और उपार्जन बढ़ रहा है। अर्थव्यवस्था में योगदान, जीडीपी में हिस्सा बढ़ रहा है। कृषि क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों ने अपना कामकाज ही नहीं किया बल्कि अधिक बिक्री करके देश के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करने में सफलता प्राप्त की। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमने कृषि की प्रधानता को स्वीकार किया। इस क्षेत्र को लॉकडाउन की अवधि में भी खोला और जो सुविधाएं प्रदान की जा सकती थीं वो प्रदान की।