कांकेर जिले के कई गांवों के लोगों को बीती रात से बड़ी राहत मिल गई है। वजह, वन विभाग ने दो आदमखोर खूंखार तेंदुओं को पिंजरे में कैद कर लिया है। इन खूंखार आदमखोर तेंदुओं को कैद करने के लिए दो गांवों में पिंजरा लगाया गया था और दोनों ही पिंजरे में 2 तेंदुए फंस गए।
बताया जा रहा है कि पलेवा-भैसाकट्टा इलाके के ग्रामीणों ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब आदमखोर तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। महीने भर के अंदर इस तेंदुए ने दो लोगों की जान ले ली थी। जिसके बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए दो गांवों में पिंजरा लगाया था।
https://youtu.be/N4YDdvO7n2I
पिंजरे में कैद हुए दोनों ही तेंदुए आदमखोर हो चुके थे। स्थानीय लोगों को ना तो दिन में चैन था और ना ही रात में सुकुन। उनका वक्त दशहत में गुजर रहा था, लेकिन अब उन्होंने राहत की सांस ली है। बताया जा रहा है कि पलेवा और भैसाकट्टा में इन दोनों ने दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। जिसमें एक 70 साल का बुजुर्ग था और दूसरी 40 साल की महिला।
चार दिनों के इंतजार के बाद सफलता
स्थानीय लोगों की दहशत को देखते हुए वन विभाग ने चार दिनों पहले पिंजरा लगाया था। आखिरकार इंतजार खत्म हुआ और दोनों तेंदुओं का पिंजरे में कैद करने में विभाग को बड़ी सफलता मिल गई है। चौंकानें वाली बात यह है कि दोनों तेंदुए एक ही रात में पिजरे में कैद हो गए। अब वन विभाग इन दोनों तेंदुओ को नन्दनवन रायपुर ले जाने की तैयारी में है।
बकरी की लालच में फंसा
आदमखोर खूंखार तेंदुए को फांसने के लिए पिंजरे में बकरी को बांधा गया था, जिसकी लालच में दोनों तेंदुए आए और पिंजरे में फंस गए। बताया जा रहा है कि बकरी को अपना शिकार बनाने के लिए जैसे ही तेंदुआ उस पर झपटाख् पिंजरे का दरवाजा बंद हो गया और तेंदुआ उसमें कैद हो गया।