ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। भिलाई के सेक्टर 10 में रहने वाले जीडी गवेल ने 74 साल की उम्र में नीट की परीक्षा दी है। वहीँ जीडी गवेल उन सभी स्टूडेंटस के लिए एक नई मिसाल बन गए हैं। जो स्टूडेंसट एक दो प्रयास के बाद हार मान जाते है।
ALSO EAD : मंत्री चौबे का सामने आया बड़ा बयान, पीएम मोदी को लेकर कही यह बड़ी बात, देखिए
रविवार को प्रदेश भर में मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन लेने व डॉक्टर बनने के लिए एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों ने नीट की परीक्षा दी। जिसमें 5419 छात्रों ने पंजीयन कराया, लेकिन सिर्फ 5148 छात्र परीक्षा में शामिल हुए 272 छात्र अनुपस्थित रहे। इस परीक्षा में भिलाई के 74 वर्षीय जीडी गवेल भी शामिल हुए।
ALSO READ : विराट कोहली देंगे इस्तीफा !, इस खिलाड़ी को मिल सकती है कप्तान की कमान
64 साल का विकलांग व्यक्ति को देख कर जगी उम्मीद
बताया जा रहा है कि कोरबा के शासकीय स्कूल में प्राचार्य रह चुके जीडी गवेल के तीन बेटे एमडी डॉक्टर हैं। 4 जून 1947 को जन्मे गवेल के मन में शुरू से ही डॉक्टर बनने की इच्छा थी। जीडी गवेल ने 1965 मे प्री प्रोफेशनल एग्जाम दिया लेकिन वे पांच नम्बर से चूक गए। इसी बीच उनकी शिक्षक की नौकरी लगी और वे पढाने लग गए। लेकिन पिछले साल उन्होंने देख की उड़ीसा में 64 साल का विकलांग व्यक्ति परीक्षा दे रहा है तब उन्हें भी इससे उम्मीद जगी और वे भी परीक्षा की तैयारी करने लगे। रिटायरमेंट के बाद जीडी गवेल ने अपनी स्वयं की कोचिंग शुरू की और छात्रों को नीट की कोचिंग देना शुरू कर दिया।
एग्जाम सेंटर के बहार रोका गया
गवेल जब एग्जाम सेंटर पहुंचे तब उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया था। उनके अभिभावक के हस्ताक्षर नही होने पर उन्हें प्रवेश नही दिया जा रहा था बाद मे उन्हें प्रवेश दिया गया। नीट के एग्जाम के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष है वहीं अधिकतम आयु 25 वर्ष थी जिसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था। जीडी गवेल का कहना है कि कभी भी हमे हिम्मत नही हारना चहिए अपने लक्ष्य के लिए अंतिम समय तक प्रयास करना चाहिए।