दुर्ग/भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में संचालित एमजीएम स्कूल में 4 बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करने के मामले में न्यायालय का फैसला आ चुका है। मुख्य आरोपी सुनील दास, जो स्कूल का सफाईकर्मी था, उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई तो, इस मामले में शिक्षकों के खिलाफ भी सजा का प्रावधान किया गया है।
मामला साल 2016 का है, जब स्कूलें स्वस्थ माहौल में नियमित तौर पर संचालित हो रही थीं। उस समय दुर्ग में स्थित एमजीएम स्कूल में मासूम बच्चियों के साथ बाथरुम में स्कूल का सफाईकर्मी सुनील दास अश्लील हरकतें किया करता था। जिसकी शिकायत के बाद मामला न्यायालय तक पहुंचा और अब पांच साल बाद इस मामले में कोर्ट का फैसला आया है।
इस पूरे मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत नर्सरी क्लास की इंचार्ज प्रतिभा होलकर, महिला शिक्षक सुंदरी नायक और स्कूल प्रबंधक साजन थामस को 6-6 महीने की सजा सुनाई गई है। साथ ही तीनों पर 10-10 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। वहीं स्कूल के डेनियल वर्गीस को 1 साल का जेल और 20 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है।
स्कूल की उन 4 बच्चियों से अश्लील हरकत के मामले में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने रामचरित मानस की पक्तियों का जिक्र किया है। न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने फैसले में कहा है कि ‘अनुज वधु भगिनी सुत नारी, सुनुन सठ कन्या सम ए चारी’, इन्हीं कृदृष्टि विलाकई जोई, ताहि बंदे कछु पाप न होई’। जिसका तात्पर्य है कि छोटे भाई की पत्नी, बहन, बहू और कन्या ये चारों समान हैं। इन पर बुरी नजर रखने वाले का संहार पाप नहीं है।