राजनांदगांव। मासूम और नाबालिग बच्चियों के साथ हैवानियत करने वालों के खिलाफ आज राजनांदगांव जिला न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इतिहास में पहली बार है, जब पॉस्को एक्ट के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। प्रकरण जिले के कांकेतरा का है, चिखली पुलिस चौकी के अंतर्गत आता है। इस मामले में पुलिस की तत्परता की वजह से आरोपी गिरफ्त में आ गया था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक चिखली थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम काकेतरा का है, जहां आरोपी शेखर कोर्राम 24 वर्ष ने 3 साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया था। इसके बाद उस मासूम की हत्या कर, उसकी लाश को दीवान(पलंग) में छिपा दिया था।
इस मामले की शिकायत जब पुलिस में दर्ज कराई गई, तब पुलिस ने रासायनिक जांच के आधार पर शेखर कोर्राम को दोषी पाया। इस हैवानियत भरे अपराध के चलते आरोपी शेखर के खिलाफ दफा 302,376 और पॉस्को एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इस प्रकरण में सभी साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए एडीजी शैलेष शर्मा ने आरोपी को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। इस मामले पर लोक अभियोजक परवेज अख्तर ने पैरवी की।
9 को फांसी, जिसमें 6 मासूमों के गुनहगार
छत्तीसगढ़ की जेलों में एक महिला सहित कुल 9 ऐसे कैदी हैं, जिनके खिलाफ फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। चौंकाने वाली हकीकत यह है कि इन 9 कैदियों में 6 सिर्फ मासूमों के गुनहगार हैं। चार कैदियों पर मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप सिद्ध हुआ है। तो, वहीं एक दंपति पर निर्दोष बच्चे की बलि का आरोप है।