ओडिशा के कोरापुट जिले के बोईपरिगुड़ा जंगल में दबिश देकर एक करोड़ के इनामी नक्सली दुबाशी शंकर महेंद्र उर्फ अरुण उर्फ रमेश को गिरफ्तार किया गया। ओडिशा पुलिस के अनुसार उस पर छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्रपे्रदश, तेलंगाना में सौ से अधिक मामले दर्ज है। वह बीमार है। जंगल में सड़क नहीं है। इसलिए उसे कड़ी सुरक्षा के बीज कांवर में बैठाकर पगडंड़ी के सहारे मुख्य मार्ग तक लाया गया।
दुबाशी शंकर महेंद्र उर्फ अरुण उर्फ रमेश उर्फ आरएम उर्फ महेश (एसजेडसीएम) निवासी गांव-मुथरासी चेतला, पीएस-दोवलथाबाद, जिला-मेडक, टीएस में प्रतिबंधित माओवादियों के समूह के आंदोलन के संबंध में विश्वसनीय सूचना प्राप्त होने पर बोईपरिगुड़ा पीएस के तहत पेटागुडा और नोआरो गांव के वन क्षेत्र में एक अभियान शुरू किया गया था।
12 सितंबर की रात डीवीएफ, एसओजी और बीएसएफ की टीम रवाना हुई। 13 सितंबर को सुबह-सुबह घेराबंदी और तलाशी के दौरान ऑपरेशन पार्टी ने एक हार्डकोर माओवादी दुबाशी शंकर महेंद्र उर्फ अरुण उर्फ रमेश उर्फ आरएम उर्फ महेश (एसजेडसीएम) को गिरफ्तार किया। उससे 01 इंसास राइफल के साथ, 10 राउंड ऑफ गोला-बारूद, 01 सैमसंग मोबाइल फोन, रेडियो, ईयर फोन, अमेजन किंडल, 35,500 रुपये नकद और अन्य लेख जब्त किए गए।
पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि वह वर्ष 1987 में एक पार्टी सदस्य के रूप में तेलंगाना राज्य के इंद्रपुरियाल क्षेत्र समिति में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था। उन्हें पदोन्नत किया गया था। वर्ष 2003 में विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य (एसजेडसीएम) का रैंक, आंध्र ओडिशा सीमा में शामिल हो गया। वर्ष 2004 में विशेष क्षेत्रीय समिति (एओबीएसजेडसी)। वर्ष 2010 में वह स्टेट मिलिट्री में शामिल हुए। आयोग (एसएमसी) और उसी रैंक में आज तक जारी रखा। उन्होंने अपने बारे में कई खुलासे किए।