आज यूपी की राजधानी लखनऊ में GST की 45वीं बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हो रही हैं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को प्रस्ताव दिया है कि पेट्रोलियम पदार्थों को GST के अंतर्गत ले लिया जाए, इससे पेट्रोल और डीजल के दाम 25 रुपए तक कम हो जाएंगे और देश की जनता को बड़ी राहत मिल जाएगी।
केंद्र के इस प्रस्ताव को लेकर ही आज लखनऊ में GST की बैठक रखी गई है, जिसमें देश के सभी राज्यों से प्रतिनिधियों को शामिल होने और राज्य सरकार की ओर से बात रखने के लिए भेजा गया है। वर्तमान हालात की बात करें तो देश के 6 राज्यों ने पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने से इंकार कर दिया है। इन राज्यों में खुद यूपी शामिल है, जिसके अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, केरल सहित कुछ और कांग्रेस शासित राज्य ने इस पर आपत्ति दर्ज की है।
राजस्व घाटा नहीं चाहते राज्य
वर्तमान परिस्थितियों में राज्य की सरकारें पेट्रोलियम पदार्थों की एवज में मोटा राजस्व कमा रही हैं। यदि पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाया जाता है, तो इसका सीधा असर राज्य सरकार के खजाने पर पड़ेगा। यही वजह है कि राज्य की सरकारें इस पर आपत्ति कर रही हैं और सहमति नहीं देना चाहती।
हर लीटर पर 25 रुपए की बचत
यदि पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लिया जाता है, तो डीलरों के साथ सबसे ज्यादा राहत उपभोक्ताओं को मिलेगी। सीधे तौर पर वर्तमान परिस्थितियों की बात करें तो प्रति लीटर 25 रुपए तक का भार कम हो जाएगी। यानी जिस शख्स को महीने में 30 लीटर पेट्रोल लगता है, जिसके लिए उसे 3000 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं, GST लागू होने पर उसे केवल 2250 रुपए ही खर्च करने पड़ेंगे।