बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के मामलों में बाढ़ आई हुई है। रिश्वतखोरी चरम पर है। हर छोटे—बड़े शासकीय काम को निपटाने के एवज में प्रदेश की गरीब जनता का खून चुसने में सरकारी अफसर कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मोटी तनख्वाह के बावजूद रिश्वत की कमाई से ऐशो—आराम की जिंदगी बसर करने वालों के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगा हुआ है, लेकिन कार्रवाई वैसी नहीं हो रही, जिसकी आवश्यकता है।
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आज लगातार दूसरे दिन ACB ने भ्रष्टाचारी एक और अफसर के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि आदिम जाति कल्याण विभाग बिलासपुर में सहायक आयुक्त सीएल जायसवाल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। एक दिन पहले ही ACB ने बिलासपुर में जिला शिक्षा अधिकारी रहे और समग्र शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आरएन हीराधर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) बी, 13(2) के तहत जायसवाल के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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ACB के पास सहायक आयुक्त जायसवाल के खिलाफ पुख्ता सबूतों के साथ शिकायत की गई थी। आरोप लगाया गया कि अलग-अलग जिलों में पोस्टिंग के दौरान बेहिसाब संपत्ति जुटाई है। शिकायत में बताया गया कि कोरबा जिले के अपने पैतृक गांव गुरसिया में उन्होंने 23 प्लॉट खरीदे हैं। साथ ही सोनगंगा कॉलोनी में पिता के नाम से 3 हजार स्क्वॉयर फीट की जमीन पर 2 मंजिला बंगला होने की जानकारी भी दी गई। फर्जी तरीके से 8 शिक्षाकर्मियों की भर्ती मामले में पहले ही जायसवाल के खिलाफ चार्जशीट पेश की जा चुकी है।
जायसवाल के नाम पर कोरबा जिले के गुरसिया गांव में 23 प्लॉट और एक मकान है। वहीं उनकी पत्नी अनीता जायसवाल के नाम पर बिलासपुर में 5 एकड़ का फार्महाउस है। पिता देवी प्रसाद जायसवाल के नाम पर शहर की पॉश कॉलोनियों में शामिल सोन गंगा कॉलोनी में 3 हजार स्क्वॉयर फीट में बना दो मंजिला बंगला है। चांटीडीह में खुद के नाम पर 2500 स्क्वॉयर फीट और सिर्गिट्टी में 1 हजार स्क्वॉयर फीट जमीन है।