देश में बाल विवाह को कानूनन अपराध माना गया है, लेकिन राजस्थान सरकार ने विवाह का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन विधेयक 2021 को ध्वनिमत के साथ विधानसभा में पारित कर दिया है। विपक्ष ने इस पर घोर आपत्ति दर्ज की है। इस विधेयक के मुताबिक अब राजस्थान में विवाह करने वाले, चाहे नाबालिग ही क्यों ना हो, उनका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसका तात्पर्य यह है कि राज्य में बाल विवाह रजिस्टर्ड किया जाएगा, जिसकी सूचना माता पिता को एक माह पहले सार्वजनिक करनी होगी।
इस पर बोले संसदीय कार्यमंत्री
राजस्थान विधानसभा में जब विधेयक का प्रस्ताव रखा गया, तो विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया, बावजूद उसके विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। हंगामे के बीच बिल पर हुई चर्चा में राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि यह विधेयक लाने की वजह बहुत अहम है। मैरिज रजिस्ट्रेशन का पंजीकरण कानून 2009 के बाद जिला अधिकारी ही शादियों का पंजीयन कर सकता था, लेकिन अब अतिरिक्त जिला अधिकारी और ब्लाक अधिकारी को भी इसमें जोड़ा गया है।
It will be a black day for the Assembly if this Bill is passed. Does the Assembly permit us to unanimously allow child marriages? By a show of hands, we will be permitting child marriages. The Bill will write a black chapter in the history of the Assembly: BJP MLA Ashok Lahoti pic.twitter.com/3KEOtCfq9C
— ANI (@ANI) September 18, 2021
भाजपा का फूटा गुस्सा
विधानसभा में जब विधेयक को रखा गया और पारित किया जा रहा था, तब भाजपा ने मत विभाजन की मांग की। इस पर सभापति राजेंद्र पारीक ने इंकार कर दिया। जिस पर भाजपा विधायकों ने गर्भगृह में आकर नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया। वहीं बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी MLA अशोक लाहोटी ने कहा, ‘बिल का पास होना विधानसभा के लिए काला दिन है। क्या विधानसभा हमें सर्वसम्मति से बाल विवाह की अनुमति देती है?’।
सरकार का दोहरा मापदंड
विपक्ष के हंगामे को लेकर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, ‘शादी की निर्धारित आयु से कम की शादी का पंजीयन होने का मतलब यह नहीं हैं कि वह शादी वैध हैं। भले ही पंजीयन हो गया हो लेकिन नियमानुसार उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। निर्धारित उम्र से कम का पंजीयन अनिवार्य सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों की पालना के तहत किया गया।