Captain Amrinder Singh News: पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भले ही अपने लिए सारे राजनीतिक विकल्प खुले रहने की बात कही है, लेकिन हकीकत यह है कि उनके पास बेहद सीमित ही विकल्प हैं। कैप्टन ने भले ही अपने 52 वर्ष के राजनीतिक सफर में बहुत से बेहतर राजनीतिक दोस्त कमाने (बनाने) की बात पर जोर दिया है लेकिन अगर वह कांग्रेस छोड़ते हैं तो उनके सामने अपनी पार्टी बनाकर पांचवा फ्रंट बनाने या भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ने के विकल्प ही उपलब्ध हैं।
भाजपा में जा सकते हैं या अपनी पार्टी बनाकर अगल फ्रंट बना सकते हैं कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह के आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने की संभावना इसलिए कम है, क्योंकि पंजाब में आप के उदय के बाद से ही कैप्टन आप के कनवीनर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ रहे हैं। वहीं, कैप्टन कभी भी यह नहीं चाहेंगे कि उनसे जूनियर राजनेता उनके ऊपर हो। हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह शिरोमणि अकाली दल में भी रह चुके हैं लेकिन उसके बाद उनकी राजनीतिक यात्रा शिरोमणि अकाली दल के खिलाफ ही रही है। राजनीति के जानकारों के अनुसार ऐसी स्थिति में शिअद कैप्टन के लिए विकल्प नहीं हो सकता है।
कैप्टन यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाती है तो वह उनके साथ नहीं होंगे। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि कैप्टन ऐसी स्थिति में कांग्रेस में नहीं रहेंगे। इसके बाद उनके पास भाजपा में जाने या अपनी पार्टी बनाकर पांचवा फ्रंट खोलने का ही विकल्प रहेगा।
वहीं जानकारों के अनुसार 79 वर्षीय कैप्टन के अपनी पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में आने की संभावना भी कम ही दिखाई दे रही है। क्योंकि, इस उम्र में अपनी पार्टी बनाना और उसे चलाना कैप्टन के लिए आसान नहीं होगा। ऐसे में कैप्टन के सामने भारतीय जनता पार्टी में जाना या भाजपा को सपोर्ट करना विकल्प हो सकते हैं। वैसे भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के भाजपा नेताओं के साथ अच्छे संबंध रहे हैं।
कैप्टन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अच्छे संबंध रहे है। चूंकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर भी राष्ट्रवाद को लेकर प्रखर हैं और भाजपा भी राष्ट्रवाद की राजनीति करती है, ऐसे में कैप्टन के समक्ष भाजपा एक बड़ा विकल्प हो सकती है।
वहीं, ताजा हालात में भाजपा के लिए कैप्टन अनुकूल नेता साबित हो सकते हैं। क्योंकि, कृषि आंदोलन को लेकर भाजपा के खिलाफ पंजाब में शुरू हुई मुहिम में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सबसे बड़ी भूमिका जरूर थी। कैप्टन को किसानों का खासा समर्थन भी हासिल है। दूसरी तरफ भाजपा के पास पंजाब में कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है। ऐसे में पंजाब में कैप्टन और भाजपा एक-दूसरे के लिए सही विकल्प साबित हो सकते हैं.