अनंत चतुर्दशी पर्व रविवार को श्रद्धाभाव के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन 14 गांठों वाला अनंत सूत्र भी बांधा जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है। हाथ में 14 गांठ बांधते हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। इस साल अनंत चौदस 19 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन 14 गांठों वाला अनंत सूत्र भी बांधा जाता है।
14 गांठों का रहस्यः अनंत चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने के बाद अनंत सूत्र को हाथ में बांधा जाता है। इस अनंत सूत्र में 14 गांठें लगाई जाती हैं। 14 गांठें इसलिए लगाई जाती हैं, क्योंकि 14 गांठ को 14 लोकों से जोड़कर देखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भौतिक जगत में 14 लोक बनाए जिनमें भूलाेक, स्वलाेक, महलाेक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल, वितल, सतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल लोक शामिल हैं। बता दें कि अनंत सूत्र में लगने वाली हर एक गांठ एक लोक का प्रतिनिधित्व करती है। अनंत सूत्र को हाथ में बांधा जाता है।
अनंत सूत्र बांधने के नियमः अनंत सूत्र हाथ में बांधने के कई नियम भी होते हैं। इसलिए इन्हें हमेशा ध्यान में रखना जरूरी होता है। कहते हैं अनंत सूत्र कपड़े या रेशम का होता है। मान्यता है कि अनंत सूत्र को पुरुष दाहिने और महिलाओं को अपने बाएं हाथ में पहनना चाहिए। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु जी की उपासना करनी चाहिए। व्रत रखने से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है।