कोरोना की दूसरी लहर समाप्त हो चुकी है, लेकिन खौफ अब भी बरकरार है। वजह, तीसरी लहर की चेतावनी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि बरती गई एक छोटी सी लापरवाही कोरोना की तीसरी लहर को न्यौता देने के लिए पर्याप्त है, लिहाजा देश के हर राज्य में फूंक—फूंककर कदम रखे जा रहे हैं।
राजस्थान में कोरोना संक्रमण का असर कम होने के साथ ही अब कक्षा 6वीं से 12वीं तक की कक्षाओं को संचालित किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। सरकार के आदेश के बाद सोमवार से कक्षा 6वीं से 8वीं तक के स्टूडेंट्स को ऑड-ईवन फॉर्मूले पर स्कूल बुलाया जा रहा है। इस दौरान स्टूडेंट्स को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कक्षाओं में बिठाया जा रहा है।
ऑनलाइन भी पढ़ सकेंगे छात्र
परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लंबे समय बाद खुले स्कूलों में फिलहाल 40% स्टूडेंट्स को ही हर दिन क्लास में बुलाया जाएगा। बदलते हुए दिन के साथ ही हर दिन अलग बैच के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। फिलहाल छात्रों का स्कूल आना अनिवार्य नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स घर बैठकर भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। इसके अलावा यूनीफार्म को लेकर भी बाध्यता नहीं होगी।
भोजन-पानी घर से लाएं
कोरोना संक्रमण को देखते हुए सबसे जरुरी बात भोजन और पानी है। जिसके लिए स्पष्ट कर दिया गया है कि स्कूल आने वाले सभी बच्चों को भोजन और पानी अपने घरों से ही लाना होगा। वहीं आपस में शेयर करने पर भी मनाही है। स्कूलों में फिलहाल कैंटीन और कैफेटेरिया को बंद रखने की हिदायत दी गई है। वहीं स्टूडेंट्स के लंच टाइम को भी अलग-अलग कर दिया गया है। इसमें क्लास टीचर भी बच्चों के साथ क्लास रूम में बैठकर ही लंच करेंगे।
स्कूल बसों का संचालन नहीं
राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप स्कूलों को दो पालियों में खोलने की अनुमति है। वही सभी स्टाफ को वैक्सीन लगाने की अनिवार्यता का भी पालन किए जाने की बात कही जा रही है। संक्रमण को देखते हुए फिलहाल स्टूडेंट्स के लिए ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी शुरू नहीं की गई है। ऐसे में स्कूल के ऑटो और बस द्वारा स्टूडेंट्स स्कूल नहीं आ पाएंगे।