सीहोर – कवि छोकर की विशेष रिपोर्ट
सीहोर। विश्वव्यापी बीमारी कोविड के कहर से भारत सहित अन्य देश बुरी तरह प्रभावित हुवे इस बीमारी के चलते लाखों लोग को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा बीमारी से मृत व्यक्ति के परिजनो ने जैसे तैसे अंतिम संस्कार तो कर दिया पर हिन्दू मान्यताओं के अनुसार अंतिम संस्कार करने के बाद पिंड दान करना भय वश भूल गए या जान बूझकर नही गया कोरोना के खोफ के चलते अंतिम संस्कार तो कर दिया पर अस्थियां लेने आज तक नही आये.
अब सवाल ये है कि इन मृत लोगो का जब पिंड दान नही हुवा तो मान्यताओं के अनुसार इनको मुक्ति कैसे मिलेगी ? कोविड के चलते अपनी जान से हाथ गवाने वाले ऐसे 350 से अधिक लोगो की अस्थियां नगर के मुक्तिधाम में बिखरी पड़ी है कुछ लोगो ने अपने परिजनों की अस्थियों का संचय तो किया पर उसके बाद उन अस्थियों को मुक्तिधाम के लाकर में या यहां मौजूद पेड़ पर लटकाकर चले गए।
विगत 2 वर्षों में कोरोना के कहर से जान गवाने वाले कि अस्थियों को मुक्तिधाम के कर्मी घनश्याम चौहान ने एक जगह इखट्टा कर दिया तकरीब 50 से अधिक लोगो की अस्थियां अस्थि ग्रह में रखी है मुक्ति धाम के 350 से अधिक लोगो की अस्थियां ढेर के रूप में मुक्तिधाम में लावारिस हालात में बिखरी पड़ी है.
कोरोना के भय से या अन्य किसी कारण से भले ही इन मृत लोगो की अस्थियों का विसर्जन मान्यताओं के अनुसार नही हुवा है पर ऐसे में अब सवाल ये है कि इन मृत लोगो को मोक्ष की प्रप्ति कैसे होगी।