बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हो गया है। घर वालों ने धान को चूहों से बचाने के लिए दवाई रख दी, जिसे 3 साल के मासूम ने खेल—खेल में खा लिया। चूहामार दवाई के सेवन से बच्चे की बिगड़ी हालत को देखकर उसे सिम्स में दाखिल कराया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, डबरी पारा निवासी भूपेंद्र सिंह (31) शनिवार को रोज की तरह खेत में काम कर रहा था। घर के दूसरे सदस्य भी अपने अपने काम में व्यस्त थे। इस दौरान भूपेंद्र का 3 वर्षीय बेटा लक्ष्य घर पर ही खेल रहा था। परिवार के सदस्यों का ध्यान उसकी तरफ नहीं था, इसी बीच उसने चूहा मारने की दवाई खा ली।
समझ नहीं पाए घर के लोग
अचानक लक्ष्य गिर पड़ा और उसकी हालत बिगड़ती चली गई, लेकिन घर वालों को पल्ले ही नहीं पड़ा कि आखिर हो क्या रहा है। इसी बीच कमरे में किसी की नजर चूहा मारने की दवाई पर पड़ी, तब तत्काल बच्चे को सिम्स में भर्ती करवाया गया, लेकिन डॉक्टर भी उसकी जान नहीं बचा पाए।
रो—रोकर बेहार परिवार
घर में आई इस अचानक विपत्ति के लिए लक्ष्य के परिवार का हर सदस्य खुद को कोस रहा है। बच्चे की मौत के बाद परिजनों के आंसू थम नहीं रहे हैं। पिता ने बताया कि घर में रखे धान को चूहे नुकसान पहुंचा रहे थे इसलिए उन्होंने कमरे में दवा रखी थी, लेकिन उसने सोचा भी नहीं था कि उस दवा का शिकार उनका अपना ही बेटा बन जाएगा।