रायपुर। राजधानी रायपुर में भगवान गणेश की जिन प्रतिमाओं को लोगों ने 10 दिन तक पूजा की। वहीं विर्सजन में नगर निगम के माल वाहक वाहन से भगवान गणेश की छोटी प्रतिमाएं विसर्जन कुंड में फेंकते दिखाई दिए थे। वाहन विर्सजन कुंड से कुछ फीट की दूरी पर खड़ा कर निगम कर्मचारी प्रतिमाओं कुंड में फेंक रहे हैं। जबकि निगम ने स्थानीय मछुआरों और गोताखोरों को प्रतिमाओं को सम्मान विर्सजित करने के लिए तैनात किया गया। उसके बाद भी लापरवाही कर रहे थे। जिसका वीडियों सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी। जिसके बाद महापौर एजाज ढेबर ने दो निगम कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निष्काशित कर दिया है।
महापौर ढेबर ने कहा कि कहा कि गणेश भगवान का पूरा देश सम्मान करता है और जो लोग इस आस्था का राजनितिक कर रहे है, जो अफवाये फैलाया जा रहा है, उन सब फेसबुक बंधुओ से निवेदन करता हुं कि आस्था की जगह राजनितिक करना ठीक नहीं है। हमने पहले ही कहा जो रात में घटना घटी है, वो ठीक नहीं था। मै तत्काल महादेव घाट गया वहां के व्यवस्था का जायजा लिया और जो सफाई कर्मचारी शराब का सेवन किया था उन्हे भी हम तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया है और जो लोग राजनितिक कर रहे है वो ठीक नहीं है।
नगर निगम ने रायपुर के महादेव घाट के तट पर अस्थायी कुंड बनाया है। रविवार को दिनभर में 5 हजार से अधिक छोटी मूर्तियां विसर्जित की गई। 117 बड़ी मूर्तियां विसर्जित की गई। गुढ़ियारी के मच्छी तालाब में भी अस्थाई विसर्जन कुंड बनाया गया था यहां 126 छोटी मूर्तियां विसर्जित की गईं। रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने गाइडलाइन जारी की थी जिसमें कहा गया था कि दिन ढलने के बाद विसर्जन नहीं हो सकेगा। रविवार को देर शाम तक विसर्जन की प्रक्रिया पूरी होती रही। डीजे, धुमाल लगाने के 200 वाट के साउंड सिस्टम के नियम का भी कहीं पालन नहीं किया गया।