बिलासपुर स्थित स्काई अस्पताल के संचालक डॉ. प्रदीप अग्रवाल को वहीं के पूर्व दो डॉक्टरों और कर्मचारियों ने रविवार शाम को अगवा कर लिया। आरोपी डॉक्टर उनको कार से UP ले गए। इस बीच आरोपियों की पहचान हुई तो वे प्रदीप अग्रवाल को मंगलवार सुबह 6 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़कर भाग निकले। वहां से संचालक को लेकर पुलिस मंगलवार को लौटी है। बताया जा रहा है कि विवाद कोरोना काल में हुई कमाई के कमीशन को लेकर था। आरोपियों की तलाश जारी है।
अस्पताल के संचालक डॉ. प्रदीप अग्रवाल की कार अस्पताल के करीब ही मिली थी। इसमें चाबी लगी हुई थी। गायब होने के बाद उन्होंने स्टाफ को फोन कर गाड़ी ले जाने के लिए कहा था। यह भी बताया था कि उनकी कार में चाबी लगी हुई है। फोन आने पर अस्पताल का स्टाफ गाड़ी लेकर आ गया था। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चल रहा था। परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस टीमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश भेजी गईं।
मैसेज किया, साले के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा है
गायब होने के बाद शहर के एक व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया तो रिसीव ही नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद मोबाइल पर मैसेज आया कि भैया अभी बात नहीं कर सकते। साले के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा। फ्री होकर बात करेंगे। पुलिस के अनुसार बिलासपुर में उनका कोई साला नहीं रहता है। ऐसा मैसेज किसी ने उनसे जान बूझकर भ्रमित करने के लिए लिखवाया है। उनके दो साले हैं और झारखंड में रहते हैं। CCTV फुटेज में अस्पताल से निकलते प्रदीप अग्रवाल दिखाई दिए।
गायब होने के बाद शहर के एक व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया तो रिसीव ही नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद मोबाइल पर मैसेज आया कि भैया अभी बात नहीं कर सकते। साले के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा। फ्री होकर बात करेंगे। पुलिस के अनुसार बिलासपुर में उनका कोई साला नहीं रहता है। ऐसा मैसेज किसी ने उनसे जान बूझकर भ्रमित करने के लिए लिखवाया है। उनके दो साले हैं और झारखंड में रहते हैं। CCTV फुटेज में अस्पताल से निकलते प्रदीप अग्रवाल दिखाई दिए।
CCTV फुटेज में देखकर नर्स ने आरोपियों की पहचान की
ASP साइबर सेल निमेष बरैया ने बताया कि संदेह के आधार पर अस्पताल की एक नर्स से पूछताछ की गई थी। इसके बाद उसे CCTV फुटेज दिखाई गई। इसे देखकर नर्स ने आरोपियों की पहचान कर ली। इसमें अस्पताल में पहले काम कर चुके दो डॉक्टर और तीन कर्मचारी शामिल थे। पहचान सामने आने के बाद पुलिस का दबाव बनता देख आरोपी मंगलवार सुबह करीब 6 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रदीप अग्रवाल को छोड़कर भाग निकले। नर्स की कोई मिलीभगत अभी तक सामने नहीं आई है।
ASP साइबर सेल निमेष बरैया ने बताया कि संदेह के आधार पर अस्पताल की एक नर्स से पूछताछ की गई थी। इसके बाद उसे CCTV फुटेज दिखाई गई। इसे देखकर नर्स ने आरोपियों की पहचान कर ली। इसमें अस्पताल में पहले काम कर चुके दो डॉक्टर और तीन कर्मचारी शामिल थे। पहचान सामने आने के बाद पुलिस का दबाव बनता देख आरोपी मंगलवार सुबह करीब 6 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रदीप अग्रवाल को छोड़कर भाग निकले। नर्स की कोई मिलीभगत अभी तक सामने नहीं आई है।