रायपुर। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के दल्ली राजहरा वन परिक्षेत्र में एक चार वर्षीय नन्हें गजराज की बीमारी के चलते मौत हो गई है। गजराज की मौत वन अमले की लापरवाही का परिणाम है, इसके सारे साक्ष्य मौजूद हैं। उसकी मौत के बाद भी वन अमले की अमानवीय हरकत सामने आई है। मीडिया के सामने पोल खुलने के बाद अब वन अमला सफाई देने की कोशिश में जुटा हुआ है।
https://www.youtube.com/watch?v=aPB5Ed5cUQg
नन्हें गजराज ने आखिर दम क्यों तोड़ा, उसे किस बीमारी ने घेर रखा था, उसका उपचार सही तरीके से क्यों नहीं कराया गया, वह किस दल का सदस्य था, उसके दल के साथ उसे जोड़ने की कोशिश क्यों नहीं की गई, नन्हें गजराज की सुरक्षा के लिए आखिर वन अमले ने क्या किया..? ऐसे सवाल हैं, जिसका जवाब वन अमले के पास नहीं है।
https://www.youtube.com/watch?v=dHgc4FNvLp8
इस पर नन्हें गजराज की मौत के बाद, उसका पोस्टमार्टम तो कराया गया, लेकिन उसके अंतिम संस्कार को लेकर जिस तरह की लापरवाही बरती गई, वन अमले का अमानवीय चेहरा सामने आ गया है। पीएम कराए जाने के बाद नन्हें गजराज को जेसीबी से बांधकर खींचने का प्रयास किया गया, जिसकी वजह से गजरात का शरीर छिन्न—भिन्न हो गया। अब वन अमला अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश में लगा हुआ है।
https://youtu.be/yBy7OhuPpNY