तप करो और फल ना मिले, ऐसा कभी नहीं होता। बस जरुरत होती है, मेहनत, लगन और ईमानदारी की। इसका एक ज्वलंत उदाहरण छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से सामने आया है, जहां एक किसान की बेटी ने अपने सपनों की उड़ान को सच साबित कर दिया है। उसकी सफलता इतनी बड़ी है कि पूरे परिवार के साथ पूरा गांव उत्साहित है।
यहां बात हो रही है धमतरी जिले के ग्राम भंरवमरा की, जहां की बेटी रूद्राणी साहू का चयन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में हुआ है। हाई स्कूल से उसने एक सपना संजोया था कि उसे पायलट बनना है। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उसने पूरी लगन और मेहनत से रास्ता बनाया और आज अपनी सफलता का परचम लहरा रही है।
एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार की बेटी का सपना इतना बड़ा था, उसके परिजनों का स्वीकार कर पाना उतना ही असहज था। लेकिन कहा जाता है, ‘जहां चाह, वहीं राह’। रूद्राणी ने अवसर को समझा, मेहनत की और अपना रास्ता उसने खुद चुना, जिसकी वजह से आज वह भारत सरकार की उस संस्थान का हिस्सा बन पाई है, जहां कदम रखना भी किसी सपने से कम नहीं है।
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गांव के ही स्कूल से उसने प्राथमिक, हाई और हायर सेकेंड्री की शिक्षा प्राप्त की है। आज महंगे स्कूलों में पढ़ने के बावजूद भी युवाओं को कैरियर और नौकरी के लिए दर—दर भटकना पड़ रहा है। यह इस बात को साबित करता है कि बेहतर करने के लिए खुद के भीतर ललक, लगन, मेहनत की क्षमता, आत्मविश्वास और ईमानदारी का होना जरुरी है। शिक्षा बिल्डिंग या पैसों के दम पर नहीं मिलती।