रायपुर। रायपुर के उरला थाना क्षेत्र में एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। आरोप है कि महिला के ससुराल वाले उसे आए दिन दहेज में 4 लाख रुपये लाने व बेटी को जन्म देने पर मानसिक व शारीरिक रुप से प्रताडि़त करते थे। जिसके चलते उसने अपने कमरे फांसी लगाकर जान दे दी। मामले की रिपोर्ट पर पुलिस ने जांच के बाद महिला के ससुराल पक्ष के पति एवं अन्य सात लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक थाना उरला निवासी नूरजहां उर्फ गुडिय़ा 21 वर्ष की शादी जुलाई 2018 में नागेश्वर नगर बीरगांव निवासी नजरुद्दीन 24 वर्ष के साथ हुआ था। दहेज में गुडिय़ा के माता पिता से अपनी हैसियत अनुसार नगदी 2 लाख 50 हजार रुपये एवं गहने मिलाकर करीब 5 लाख के सामान दामाद को दिये थे। गुडिय़ा ने जब एक बेटी को जन्म दिया तब ससुराल में उसे बेटी होने का ताना देकर आये दिन प्रताडि़त कर शारीरिक व मानसिक रुप से परेशान किया करते थे। पति व ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा मायके से 4 लाख रुपये लाने का उस पर दबाव बनाये जाने से वह काफी परेशान रहने लगी। जिसकी जानकारी कॉल कर उसने 1 सितंबर को अपनी मां को दिया व बताया कि उसका पति व ससुराल वाले मायके से 4 लाख रुयये मांग कर लाने की बात कह उसके साथ मारपीट करते है।
गुुडिय़ा को मोबाइल पर बात करता देख उसका पति मोबाइल छीनकर फोन पर चार लाख रुपये का मांग किया। प्रताडऩा से तंग आकर गुडिय़ा ने 3 सितंबर को रात 9 से 10 बजे के बीच अपने कमरे में दुपट्टा बांधकर गले में फांसी लगा कर जान दे दी। मामले की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया गया था, मृतिका की मां व बहन के बयान लेने पर पूरा मामला सामने आया। जिसके बाद पुलिस ने नजरुद्दीन, दरुदन खातनू, मोहम्मद साहेब, मोहम्मद समसुदीन, मोहम्मद नसरुदीन, सकीला खातून, शहनाज बानो, तुमन्ना बानों कुल 8 लोगों के खिलाफ दहेज प्रतिषेध 3,4 धारा 304 बी,34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।