बिलासपुर। रोज दोपहर चाय बनाकर लाने वाली बेटी नहीं आई तो विकलांग पिता उसे खोजने लगा। इस दौरान पिता ने अपनी बेटी का शव फांसी के फंदे पर झूलते देखा। उन्होंने इसकी जानकारी अपने बेटे को देकर शव को फंदे से उतार लिया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे। गांव में डॉक्टरों ने जांच के बाद युवती को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं है।
कोनी थाना प्रभारी रविंद्र यादव ने बताया कि सेमरताल में रहने वाली संतोषी यादव(18) बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी। इसी साल उसने शहर के जीडीसी कालेज में प्रवेश लिया है। छात्रा रोज दोपहर घर के पास ही फार्म हाउस में पढ़ने जाती थी। दोपहर 2:30 बजे वहां से आकर अपने दिव्यांग पिता शनि यादव को चाय देती थी। मंगलवार की दोपहर वह चाय लेकर नहीं आई। इस पर शनि यादव अपनी बेटी को देखने के लिए फार्म हाउस में पहुंचे। वहां बने एक कमरे में संतोषी का शव फांसी के फंदे पर झूल रहा था। घबराए पिता ने बेटी को छूकर देखा। शरीर गर्म लगने पर उन्होंने अपने छोटे बेटे को आवाज दी।
इसके बाद पिता-पुत्र ने मिलकर फंदे को काटकर शव नीचे उतारा। पिता-पुत्र संतोषी को अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान गांव के डॉक्टर ने जांच के बाद संतोषी को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिम्स भेज दिया है। बुधवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा। कोनी थाना प्रभारी रविंद्र यादव ने बताया कि स्वजन से पूछताछ में आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं है। मृतक का मोबाइल और उसकी डायरी को जब्त कर लिया गया है।