सरगुजा। छत्तीसगढ़ में शासकीय सेवक किस हद तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, इसका ज्वलंत प्रमाण सरगुजा के लुंड्रा तहसील से सामने आया है। एक महिला पटवारी नामांतरण की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए रिश्वत मांगती नजर आ रही है। जबकि उसे इन्हीं कार्यों के निपटान के लिए पदस्थ किया गया है और इसके एवज में सरकारी सुविधाओं के साथ मोटी पगार भी मिलती है।
लुंड्रा पटवारी पूनम टोप्पो का वीडियो सामने आने के बाद भले ही कलेक्टर सरगुजा ने उसे सस्पेंड कर दिया है, लेकिन इस वीडियो में जो बातचीत हुई है, उसमें, महिला पटवारी ने पहले दिए गए रिश्वत को ऊपर पहुंचाने की बात कहीं है, जो इस बात को बताता है कि इस रिश्वतकांड में वह अकेले नहीं है, बल्कि रिश्वत के पैसों की बंदरबांट होती है।
https://www.youtube.com/watch?v=VJOzbmd1kZo
दर्जनों मामले फाइलों में
महिला पटवारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया, पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का यह अकेला मामला नहीं है, बल्कि पूर्व में इस तरह के कई बड़े मामलों का खुलासा हो चुका है, पर केवल निलंबन की सीमित कार्रवाई तक ही मामले लटके हुए हैं, जिसकी वजह से इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है।
भ्रष्टाचार से अटा पड़ा
प्रदेश में ऐसा कोई भी विभाग नहीं है, जहां पर खुलेआम रिश्वतखोरी नहीं हो रही है। एसीबी और ईओडब्लू की कार्रवाई भी बेहद सीमित है, जिसकी वजह से भ्रष्टाचारियों के हौसले बढ़े हुए हैं।
मजबूर हैं प्रदेश के लोग
मोटी पगार पाने वाले इन शासकीय सेवकों की मांग पूरी नहीं होने पर फाइलें आगे नहीं बढ़ती, जिसकी वजह से लोगों को अपना काम कराने के लिए मजबूरी में इनकी मांग पूरी करनी पड़ जाती है।