भारतीयों के टीकाकरण (Vaccination) की स्थिति को लेकर भारत-यूके की खींचतान के बीच, विदेश यात्रा करने वालों के लिए कोविन एप (CoWIN App) पर एक नया फीचर सामने आया है. बता दें CoWin प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) में उन लोगों की पूरी जन्मतिथि होगी जिन्हें कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं. यह डब्ल्यूएचओ मानकों का पालन है, पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है. अभी तक, प्रमाण पत्र में केवल नाम, टीकाकरण के स्थान जैसे अन्य डिटेल्स के अलावा जन्म के वर्ष के आधार पर लाभार्थी की उम्र का डाटा लिखा होता था.रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नया फीचर पूरी जन्मतिथि के साथ अगले हफ्ते से उपलब्ध होने की संभावना है.
एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘यह तय किया गया है कि कोविन में एक नई सुविधा जोड़ी जाएगी, जिसके तहत जो लोग पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके हैं और विदेश यात्रा करना चाहते हैं, उनके टीकाकरण प्रमाण पत्र पर जन्म की पूरी तारीख होगी. ‘ यूके सरकार ने हाल ही में अपने यात्रा दिशानिर्देश में संशोधन किया है जिसमें उसने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड को मान्यता दी है लेकिन यूके सरकार के अधिकारियों ने भारत की प्रमाणन प्रक्रिया (Certification Process) पर संदेह व्यक्त किया है. इस कदम ने भारत की कड़ी आलोचना की, जिसने राजनयिक चैनलों के माध्यम से अपने वैक्सीन और वैक्सीन प्रमाण पत्र की मान्यता के लिए जोर दिया.
ऐसे डाउनलोड कर सकते हैं सर्टिफिकेट
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि यूके भारतीय यात्रियों को कोविशील्ड का टीका लगाने से इनकार करता है, तो भारत में यूके के यात्रियों के साथ भी ऐसा ही किया जाएगा. ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष आरएस शर्मा से मुलाकात की और बैठक का नतीजा यह रहा कि कोविशील्ड, जो ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का एक फॉर्मूलेशन है, ये भारत में निर्मित है और यूके को भी निर्यात किया जाता है. इसको लगवाकर ट्रेवल करने में कोई समस्या नहीं है.
हालांकि यूके सरकार ने कोविशील्ड को मान्यता दी, लेकिन उसने भारत में वैक्सीन प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं किया. ऐसे में एक पूरी तरह से टीका लगाए गए भारतीय को भी ब्रिटेन में एक गैर-टीकाकृत यात्री की तरह क्वारंटाइन करना होगा. भारत ने इस व्यवहार को भेदभावपूर्ण करार दिया. जबकि दोनों पक्षों ने इस मुद्दे पर चर्चा की, आरएस शर्मा ने दोहराया कि भारत जो प्रमाण पत्र देता है, उसमें कोई समस्या नहीं है. आरएस शर्मा ने कहा, ‘यह कुछ लोगों द्वारा उठाया गया पूरी तरह से निराधार विवाद है.’