अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर सूर्खियों में रहने वाले दिग्गज कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने संज्ञान ले लिया है और मध्यप्रदेश के डीजीपी को खत लेकर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।
दिग्विजय सिंह कब क्या बोल दें कहा नहीं जा सकता। उनके विवादित बयान बहुत ज़्यादा रहते हैं। ऐसे बयान देकर वे खुद को चर्चित करने का प्रयास करते हैं। DGP जो निर्णय लेंगे वो किया जाएगा: सरस्वती शिशु मंदिर के स्कूलों पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर pic.twitter.com/5sO1OqAwFo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2021
चर्चा इस बात की है कि कांग्रेस नेता और सांसद दिग्विजय सिंह ने सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले छात्रों को लेकर टिप्पणी की है। स्कूली छात्रों पर की गई टिप्पणी को लेकर NCPCR ने दिग्विजय सिंह से जवाब मांगा है। NCPCR ने इसके साथ ही मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने और 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
दिग्गी को आयोग ने दी 3 दिनों की मोहलत
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सरस्वती शिशु मंदिर के एक छात्र की शिकायत पर संज्ञान लिया है। छात्र की शिकायत पर ही आयोग ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को नोटिस भेजकर 3 दिनों के अंदर अपना पक्ष आयोग के सामने रखने की मोहलत दी है। राज्य के डीजीपी को लिखी गयी चिट्ठी में आयोग ने कहा है कि दिग्विजय सिंह का कमेंट आईपीसी और जूविनाइल जस्टिस एक्ट के नियमों का उल्लंघन करता है। लिहाजा दिग्विजय सिंह के इस बयान की जांच होनी चाहिए।
दिग्गी राजा ने कहा था यह
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ छात्र ने जो शिकायत की है और दिग्गी राजा पर जो आरोप लगे हैं, उसमे मुताबिक दिग्गी ने कहा था कि ‘सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले बच्चों के मन में बचपन से ही नफरत के बीच बोए जाते हैं। यही शिक्षा आगे चलकर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम करती है।’