संवाददाता — राजू दीवान, धमतरी
धमतरी। छत्तीसगढ़ में धमतरी नगर पालिका 135 साल पुराना है। प्रदेश के सबसे पुराने नगर निगम का क्षेत्र विस्तृत नहीं है, लेकिन इसका गठन 6 साल पहले 2015 में ही हुआ है। नगर पालिका से नगर निगम में तब्दील होने पर करारोपण में कुछ अंतर भी आया है, लेकिन उससे करदाताओं पर बहुत ज्यादा भार नहीं पड़ने वाला है, उसके बाद भी शहर में कुछ ऐसे लोग निवासरत हैं, जो खुद को सामान्य से ऊपर की श्रेणी का मानकर नियम से टैक्स जमा करने में भी रसूखदारी दिखाने से बाज नहीं आते।
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स्वाभाविक सी बात है कि शहर में नगरीय निकाय ही आम लोगों की बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति करता है, ऐसे में अधिरोपित कर का भुगतान भी नगरीय निकाय को किया जाना उतना ही जरुरी है। आम शहरी इन बातों का ख्याल रखते हुए समय पर भुगतान करते हैं, जिसकी वजह से नगर निगम का संचालन भी सुचारु तरीके से चलता रहता है।
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धमतरी नगर निगम का क्षेत्रफल काफी कम है, हालांकि शहर की सघनता से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं शहर छोटा होने की वजह से लोगों का आपस में मेलजोल भी निरंतर बना रहता है। इस शहर में राजनीतिक गतिविधियां हमेशा शबाब पर होती है, जिसकी वजह से बड़ी तादाद में लोगों का सीधा जुड़ा राजनीतिक लोगों से है। इसकी आड़ लेकर कुछ लोग अपनी रसूखदारी दिखाते हुए अधिरोपित कर को नहीं पटाना चाहते।
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कर जमा नहीं होने की वजह से नगर निगम को आर्थिक परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। इन परेशानियों को देखते हुए अब नगर निगम धमतरी के महापौर विजय देवांगन और निगम आयुक्त मनीष मिश्रा ने ऐसे लोगों का नाम सार्वजनिक करने का निर्णय ले लिया है।