नई दिल्ली। देश में गिनती के ही राज्य हैं, जहां पर कांग्रेस की सरकार है, पर सही मायने में देखा जाए तो कांग्रेस की अंतर्कलह कभी थमने का नाम ही नहीं लेती। बात पंजाब की करें, तो पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चली लंबी सियासी खींचतान के बाद कैप्टन के हाथों से सत्ता की कमान खींच गई। जबकि वे सोनिया के खासमखास लोगों में शामिल थे।
आज जब कांग्रेस की झोली में दो खुशियां शामिल होने वाली थी, जिसके चलते
देश की राजधानी में सुबह से ही सियासी पारा चढ़ा हुआ था, दो चर्चित युवा नेता कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी का कांग्रेस प्रवेश होना था, उससे ठीक पहले अचानक पंजाब से आई एक खबर ने कांग्रेस की खुशी पर ग्रहण लगा दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा करवाने के बाद आज अचानक पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया।
इस पर कैप्टन अमरिंदर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मुझे पहले से ही इस बात का अंदेशा था। मैंने पहले ही बोला था कि वह सरहदी पंजाब के लिए स्थाई व्यक्ति नहीं हो सकता। उस पर भरोसा करना किसी भी मायने में पार्टी के लिए हितकारी नहीं होगा।
I told you so…he is not a stable man and not fit for the border state of punjab.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 28, 2021
इधर सिद्धू ने लिखा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सिद्धू ने इस्तीफा लिखा है, जिसमें सिद्धू ने लिखा है कि ‘मैं समझौता नहीं कर सकता हूं। समझौता करने से शख्सियत खत्म हो जाती है। मैं पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं।’ प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभालने के करीब ढाई महीने के बाद सिद्धू ने इस्तीफा दिया है। सिद्धू ने कांग्रेस और खासतौर से पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए एक बार फिर असहज स्थिति पैदा कर दी है। दरअसल, पंजाब की सियासत के ताजा घटनाक्रम को लेकर माना जा रहा था कि राहुल गांधी पंजाब की स्थितियों को संभाल रहे हैं। अब फिर से हालात उलट गए हैं।