अपनी आवाज से लाखों दिलों पर राज करने वालीं लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है। लता मंगेशकर 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां पैदा हुई थीं। लता जी ने अपनी आवाज से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत हासिल की और विभिन्न भाषाओं में गीत गाए। लता मंगेशकर ने मोहम्मद रफी के संग कई सुपरहिट गाने गाए हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब दोनों ने एक दूसरे के साथ गाना ही बंद कर दिया। आज हम आपको वही किस्सा बताने जा रहे हैं।
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अपनी आवाज से लाखों दिलों पर राज करने वालीं लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है। लता मंगेशकर 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां पैदा हुई थीं। लता जी ने अपनी आवाज से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत हासिल की और विभिन्न भाषाओं में गीत गाए। लता मंगेशकर ने मोहम्मद रफी के संग कई सुपरहिट गाने गाए हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब दोनों ने एक दूसरे के साथ गाना ही बंद कर दिया। आज हम आपको वही किस्सा बताने जा रहे हैं।दरअसल गाने की रॉयल्टी के भुगतान के मुद्दे पर लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी के बीच इस कदर मतभेद उत्पन्न हो गए थे कि इन दोनों गायकों ने करीब चार वर्ष तक एक साथ गाना नहीं गाया।दरअसल लता मंगेशकर का यह मानना था की सिंगर्स को रॉयल्टी मिलनी चाहिए, तो वहीं मोहम्मद रफी का कहना था कि एक बार गीत के रिकॉर्ड हो जाने के बाद, सिंगर का कोई अधिकार उस पर नहीं रह जाता। बहुत-से लोग ऐसे हैं, जो यह मानते हैं कि कलाकार के अधिकारों के लिहाज से लता अपनी जगह सही थीं। तो कईयों ने उस वक्त रफी का साथ दिया था।इस किस्से का जिक्र प्रयाग शुक्ल ने अपनी किताब ”मोहम्मद रफी स्वयं ईश्वर की आवाज” में किया है। वे लिखते हैं लता ने यह बात कही है कि रफी के नाम का जिक्र आते ही वे उन दिनों में लौटने को मजबूर हो जाती हैं, जब एक सिंगर को, किसी गीत पर रॉयल्टी मिले या न मिले, के सवाल पर उनसे अपनी असहमति जाहिर की थी।लता मंगेशकर रॉयल्टी का भुगतान किए जाने के पक्ष में थीं। उन्हें उम्मीद थी कि इस विषय पर रफी उनका समर्थन करेंगे जो उचित भी था। लेकिन मोहम्मद रफी ने वो कह दिया जो किसी को उम्मीद ही नहीं थी। लता ने यह निर्णय ले लिया था कि अब वह रफी के साथ नहीं गाएंगी। इस बारे में जब रफी को जानकारी हुई तो उन्होंने एक सधा हुआ जवाब दिया ”अगर उनकी मेरे साथ गाने में दिलचस्पी नहीं है, तो फिर मुझे भी कैसे हो सकती है।”