इस साल शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर, दिन गुरुवार से शुरू होने जा रहा है। जिसका समापन 15 अक्टूबर शुक्रवार को होगा। इस बार नवरात्रि केवल आठ दिनों की है, लेकिन इस दौरान आठ दिनों में ही मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की उपासना की जाएगी। मां दुर्गा के इन 9 स्वरूपों में की उपासना से हर इच्छा पूरी होती है। पौराणिक मान्यता है कि इन 9 दिनों में खरीदारी बेहद शुभ होता है। तो वहीं नवरात्रि के दिनों में कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें घर लाने पर मां की विशेष कृपा के साथ महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा हमेशा बरसते रहती है।
तुलसी का पौधा:
तुलसी का पौधा आमतौर पर लगभग हिन्दू धार्मिक परिवारों के घरों में होता ही है। पर यदि नहीं है, तो इस नवरात्रि जरुर ले आएं। तुलसी के पौधे की पूरी देखरेख करें, रोजाना घी का दीपक प्रज्जवलित करें। इससे महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
केले का पौधा:
केले का पौधा घर पर लगाने को लेकर कई तरह की भ्रांतियां है, लेकिन हकीकत यह है कि इस पौधे में भगवान लक्ष्मीनारायण का वास होता है। नवरात्र में इस पौधे को घर पर लाना शुभकारी माना गया है। पूरे 9 दिनों तक इसमें जल चढ़ाएं और गुरुवार को जल में दूध मिलाकर चढ़ाने से महालक्ष्मी की विशेष कृपा मिलेगी।
हरसिंगार का पौधा:
हरसिंगार को हरिश्रृंगार कहा जाता है। जिसका तात्पर्य हरि यानी विष्णु का श्रृंगार से है। नवरात्रि में इस पौधे को लाने से महालक्ष्मी की विशेष कृपा आती है। इसके बांदे को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजौरी में रखें, इससे धन में वृद्धि होती है।
बरगद पान:
बरगद का वृक्ष सनातनी पुजनीय है। मान्यता है कि नवरत्रि में किसी भी दिन बरगद का पत्ता घर लाने से धन—धान्य में वृद्धि होती है। इस घर लाएं, गंगाजल से धो लें। फिर हल्दी और देशी घी से स्वास्तिक बना लें। और पूजा स्थान पर रखें। पूरे नवरात्रि इसे धूप दिखाएं और पूजा करें। नवरात्रि के बाद इन पत्तों को लाल कपड़े में लपेटकर इसे पूजन स्थल पर ही रखें।
धतूरे की जड़:
धतूरा भोलेनाथ को बेहद प्रिय है। इससे महाकाली की पूजा होती है। नवरात्रि के दिनों में शुभ मुहूर्त धतूरे की जड़ को घर ले आएं। धतूरे के जड़ को लाल कपड़े में लपेटकर रखें। मंत्रोप्चार के साथ महाकाली की अराधना करते हुए जड़ का पूजन करें, इससे सभी परेशानियां समाप्त हो जाएंगी।