हाथ में गाड़ियों की स्टेयरिंग आते ही, एक्सीलेटर पर पांव कैसे दबता है, इसका अंदाजा सड़कों पर फर्राटे भरती हुई वाहनों को देखकर लगाया जा सकता है। दो पहिया हो या फिर चार पहिया, नियंत्रण से बाहर भगाने का शौक कितना बुरा परिणाम लेकर आता है, इसके उदाहरण रोज सामने आ रहे हैं, फिर भी लोग समझना ही नहीं चाहते। उस पर दोषारोपण सरकार और पुलिस पर होता है। इस पर नियंत्रण के लिए केंद्र सहित राज्य की सरकारों और पुलिस ने तीसरी नजर का सहारा ले लिया है। अब तेज गाड़ियों को रोकने के लिए सड़कों और हाईवे पर स्पीड डिटेक्टिंग कैमरा लगाया जा रहा है। अब जिसने भी लिमिट से तेज वाहन दौड़ाया, उसकी शामत आएगी। रफ्तार कैमरे में कैद हो जाएगा और आप पर कार्रवाई हो जाएगी।
जानकारी के मुताबिक इन हाइटेक कैमरों को हमेशा के लिए पोल पर फिक्स किया जा रहा है, इस दौरान अगर कोई गाड़ी तेजी से निकलती है, तो स्पीड कैमरा इसका पता लगाकर पुलिस को अवगत करा देगा। इसकी खासियत यह है कि इनका इस्तेमाल रोड पर कहीं भी किया जा सकता है।
राजधानी में इसकी मदद ली जा रही है। यहां पुलिस ने गाड़ी के पीछे अपना स्पीड डिटेक्शन सिस्टम लगा रखा है। इधर कैमरों की मदद से जो भी गाड़ी आ रही है उसके स्पीड का पता लगा लिया जाता है, उसके बाद उसके रजिस्ट्रेशन नंबर से पूरी जानकारी निकालकर उसके मोबाइल पर मैसेज डाल दिया जाता है।
चालान के साथ डीएल भी होगा रद्द
ऑपरेटर जिस भी गाड़ी की तेज स्पीड अधिक देखता है वो अपने सीनियर अधिकारी को उस गाड़ी को रोकने के निर्देश देता है। इसके बाद अधिकारी तेजी से गाड़ी चला रहे ड्राइवर पर 2000 रुपये का चालान किया जाता है। इसके अलावा उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी तीन महीने के लिए रद्द किया जा सकता है।