भारत में बनी कोरोना वायरस वैक्सीन ‘Covaxin’ अब तक केवल व्यस्कों को ही लगाई जा रही थी, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि अब जल्द बच्चों के लिए भी इसे मंजूरी दे दी जाएगी। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कृष्णा एल्ला ने बताया है कि बच्चों पर आपातकालीन इस्तेमाल की जल्द मंजूरी के लिए DCGI को भेजा जा चुका है।
बताया जा रहा है कि भारत बायोटेक ने 2 से 18 साल के एजग्रुप पर वैक्सीन के ट्रायल का डेटा रेगुलेटर को सबमिट कर दिया है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ कृष्णा एल्ला ने बातचीत में यह जानकारी दी है और उम्मीद जताई है कि अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) डेटा को रिव्यू करेंगे और सबकुछ ठीक रहा तो बच्चो को Covaxin लगाने की मंजूरी दे दी जाएगी। यह देश में बच्चों के लिए उपलब्ध होने वाली पहली वैक्सीन होगी।
तीन चरणों में हुआ था ट्रायल
एम्स समेत कई जगहों पर वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल हुआ है। यह ट्रायल तीन चरणों में किया गया था। पहले चरण में 12-18 साल के बच्चे, फिर 6-12 साल और आखिर में 2 से 6 साल के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल लिया गया है। फिलहाल भारत में वयस्कों के लिए कई वैक्सीन उपलब्ध हैं, पर बच्चों की सुरक्षा के लिए टीके अब तक नहीं बन पाया है। इस मामले में कोवैक्सीन पहला होगा।
डॉ एल्ला ने उम्मीद जताया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कोवैक्सीन को इसी महीने मंजूरी दे सकता है। डॉ. एल्ला ने बताया कि भारत बॉयोटेक ने WHO को सारा डेटा सौंप दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत बायोटेक ने WHO में 9 जुलाई तक डेटा सबमिट कर दिया था। ग्लोबल संस्था को वैक्सीन का रिव्यू करने में करीब छह हफ्ते लगते हैं। एक बार WHO से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी (EUA) मिलने के बाद, कोवैक्सीन लेने वाले बिना अनिवार्य क्वारंटीन के विदेश यात्रा कर सकते हैं।