लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) की जांच एसआईटी (SIT) करेगी. जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT टीम गठित कर दी गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. IG रेंज लखनऊ रश्मि सिंह की तरफ से इस बाबत जानकारी दी गई है. साथ ही इस मामले में एक रिटायर्ड जस्टिस की निगरानी में न्यायिक जांच भी होगी.
‘बेटे के खिलाफ सबूत मिला तो मंत्री पद छोड़ दूंगा’
इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा है कि अगर कोई उनके बेटे आशीष मिश्रा के मौके पर मौजूद होने का एक भी सबूत पेश करेगा तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. दूसरी तरफ किसान संगठनों ने दावा किया है कि आशीष मिश्रा के साथ एक कार ने विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया. हालांकि, अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने काफिले पर हमला किया और एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं सहित तीन अन्य की हत्या कर दी. अजय मिश्रा ने कहा, ‘हमारे स्वयंसेवक हमारे मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए गए थे और मैं उनके साथ था. उसी समय, कुछ असामाजिक तत्वों ने काफिले पर हमला किया, इस दौरान कार के चालक को चोट लगी और वह संतुलन खो बैठा, जिसके परिणामस्वरूप कार पलट गई.’ आशीष मिश्रा के खिलाफ हिंसा के सिलसिले में FIR दर्ज की गई है.
‘विपक्षी दल लखीमपुर खीरी हिंसा का कर रहे राजनीतिकरण’
लखीमपुर खीरी हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी दल इस घटना का राजनीतिकरण कर रहे हैं. भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब जांच चल रही है, तब विपक्षी नेता लखीमपुर खीरी जाने की जल्दी में क्यों हैं. फतेहपुर सीकरी के लोक सभा सदस्य चाहर ने कहा, ‘एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई और जब राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है, तो वे (विपक्षी नेता) उस जगह की यात्रा करने के लिए इतने अड़े क्यों हैं. पहले राज्य सरकार को कार्रवाई करने दें और मृतकों के परिवारों को पोस्टमार्टम पूरा करने के बाद शवों का अंतिम संस्कार करने दें. वे बाद में क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं.’