आज से शक्ति की आराधना का पर्व मंदिरों में सुबह घटस्थापना के साथ ही प्रारंभ हो गया है। इस बार शारदीय नवरात्रि पर्व केवल 8 दिनों के लिए है, जो 15 अक्टूबर को दशहरे पर समाप्त होगा। माता जगदम्बा इस बार पालकी में सवार होकर विराजित होंगी तो माता का निर्गमन की सवारी हाथी होगा।
विद्वानों के मुताबिक घटस्थापना के लिए आज सिर्फ 2 ही शुभ मुहूर्त बताए गए हैं। इस साल चित्रा नक्षत्र और वैधृति नाम का अशुभ योग पूरे दिन रहने के कारण ऐसा हुआ है। इस पर उज्जैन, पुरी, तिरुपति, हरिद्वार और बनारस के विद्वानों का कहना है कि अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करना शुभकारी होगा। हालांकि प्रथम शुभ मुर्हूत सुबह 6.17 बजे से 7.07 तक था, तब कई मंदिरों में घटस्थापना हो गई है। वहीं अब अभिजीत मुहूत 11.37 से 12.23 बजे तक रहेगा।
7 शुभ योग में कलश स्थापना: नवरात्रि की शुरुआत 7 शुभ योगों में हो रही है। इस दिन सूर्योदय के वक्त कुंडली में महालक्ष्मी, पर्वत, बुधादित्य, शंख, पारिजात, भद्र और केमद्रुम योग रहेंगे। इन शुभ योगों में शक्ति पर्व की शुरुआत होने के कारण देवी पूजा से सुख-समृद्धि और तरक्की मिलेगी।
नवरात्रि में 6 शुभ योग: नवरात्रि में 9, 10, 11, 14 और 15 अक्टूबर को रवियोग रहेंगे। वहीं दशहरा अपने आप में अबूझ मुहूर्त होता है। इस तरह 15 अक्टूबर तक हर तरह की खरीदारी, रियल एस्टेट में निवेश और नए कामों की शुरुआत के लिए 6 दिन बहुत ही शुभ रहेंगे।