मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 3 दिवसीय बैठक समाप्त हो चुकी है। इस बैठक में समीक्षा के बाद कई बड़े फैसले लिए गए हैं। आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने ब्याज दरों पर लिए गए फैसलों को सार्वजनिक कर दिया है। लगातार महंगाई की मार के बोझ तले दबे आम लोगों को आरबीआई ने एक बड़ी राहत दी है। इस फैसले में लोन पर ब्याज दरें नहीं बढ़ाने का बड़ा निर्णय हुआ है।
रेपो रेट-रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं
RBI गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर (Repo Rate) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। उसे पूर्व के मुताबिक यथावत 4 प्रतिशत ही रखा गया है। इसके अलावा आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) में भी किसी तरह का बदलाव नहीं किए जाने का फैसला करते हुए इस तिमाही 3.35 प्रतिशत ही रखे जाने का फैसला किया है।
रेपो रेट बिना किसी बदलाव के 4% रहेगा : भारतीय रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास pic.twitter.com/25dyeJog0y
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 8, 2021
रेपो रेट में 9 वीं बार बदलाव नहीं
पहली बार है जब लगातार 9वीं बार रेपो रेट (Repo Rate) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मई 2020 में रेपो रेट को घटाया था। रेपो रेट का यह लेवल 2001 अप्रैल के बाद अब तक का सबसे निचला लेवल है।
रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के 3.35% रहेगा: शक्तिकांत दास https://t.co/IZVHcjqX92
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 8, 2021
क्या है रेपो और रिवर्स रेपो रेट?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) देशभर के बैंकों को जिस दर पर लोन देता है, उसे रेपो रेट (Repo Rate) कहते हैं। इस कर्ज की रकम से बैंक अपने उपभोक्ताओं को लोन देते हैं। सीधी बात यह है कि रेपो रेट जितपस कम होगा, लोन पर ब्याज दरें उतनी कम होती है। वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) उल्टा होता है। यह वह दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर आरबीआई ब्याज देता है। रिवर्स रेपो रेट के जरिए बाजारों में लिक्विडिटी यानी नकदी को नियंत्रित किया जाता है।