राजनांदगांव। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 1 माह के भीतर ही मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी करने वाले दो अपराधियों को सजा-ए-मौत दी है। बीते 13 सितंबर को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक अपराधी को सजा सुनाई थी, तो वहीं एक दूसरे मामले में आज दूसरे अपराधी को मौत की सजा दी गई है।
राजनांदगांव जिले के सोमनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीते 28 फरवरी को चैत्र नवरात्र के दौरान एक 7 वर्षीय बालिका को उसके मामा का दोस्त जसगीत सुनाने के बहाने अपने साथ ले गया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। आरोपी दीपक बघेल ने उस मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और उसका सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपी ने बच्ची का शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने बेमेतरा क्षेत्र के नवागढ़ निवासी आरोपी दीपक बघेल को साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया, इसके बाद आरोपी के खिलाफ बीते 5 मई को फास्ट्रेक कोर्ट में चालान पेश किया गया और महज 4 माह के भीतर की मामले की सुनवाई के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस वहशी आरोपी को दोष सिद्ध होने पर आज फांसी की सजा सुना दी है। इस मामले में लोक अभियोजक परवेज अख्तर ने कहा कि कोरोना काल के दौरान इस मामले में चालान पेश हुआ था और मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी को सजा-ए-मौत दी है।
चैत्र नवरात्रि के दौरान घटित हुए इस अपराध का न्याय क्वांर नवरात्रि में मिल जाना कानून व्यवस्था पर लोगों की आस्था और गहरी करता है। फास्ट ट्रैक कोर्ट से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी देने का यह दूसरा मामला है। इससे पूर्व 13 सितंबर को एक अन्य मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष जज एवं अपर जिला सत्र न्यायाधीश शैलेश शर्मा ने जिले में पहली फास्ट ट्रेक कोर्ट से फांसी की सजा सुनाई थी, अब महज 1 माह के भीतर ही दूसरे मामले के दोषी को फांसी की सजा दी गई है। कोरोना संक्रमण काल के बावजूद फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द से जल्द मामलों की सुनवाई की जा रही है और गंभीर अपराध को देखते हुए अपराधियों को उनके किए के अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है। दोषियों को उनके किए की सजा मिलने पर लोगों में न्यायपालिका के प्रति आस्था और मजबूत हुई है वहीं त्वरित न्याय मिलने का बेहतर संदेश भी जनता के बीच गया है।