नए वित्तीय वर्ष में आयकर विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस कार्रवाई में जहां आलमारियों में भरे 142 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए हैं, तो कुल बेनामी संपत्ति 550 करोड़ रुपए आंकी गई है। आयकर विभाग ने बीते 6 अक्टूबर को हैदराबाद की नामी फार्मा कंपनी में दबिश दी थी। इस कंपनी ने देश के 6 राज्यों में अपनी जड़े फैला रखी थीं। टैक्स चोरी को लेकर हुई शिकायत के बाद हरकत में आए आयकर विभाग ने सभी 6 राज्यों में कंपनी के 50 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी।
खोलते गए आलमारी, नजर आती गई नगदी
आयकर विभाग ने जब हैदराबाद में एक फार्मास्यूटिकल ग्रुप पर छापेमारी (IT Raid In Hyderabad) की तो, उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी आंखों के सामने इतनी नगदी भी आएगी। जैसे ही विभागीय अफसरों ने तलाशी शुरू की और आलमारियों को खोलते गए, तो उनमें सिवाय नगदी और चंद दस्तावेज के अलावा और कुछ भी रखने की जगह नहीं थी। आयकर विभाग ने लगभग 142 करोड़ रुपये कैश बरामद किया है।
सबसे बड़ी कैश सीजिंग
आलमारियों में पड़े नगदी के अलावा दस्तावेजों को खंगालने में आयकर विभाग को पूरे 6 दिन लग गए। कुल 142 करोड़ नगद मिलने के अलावा अभी तक फार्मास्यूटिकल ग्रुप की लगभग 550 करोड़ रुपये की बेनामी आय का पता चला है। आयकर विभाग की माने तो यह अब तक की सबसे बड़ी कैश सीजिंग है। बता दें कि बीते 6 अक्टूबर को आयकर विभाग ने 6 राज्यों में नामी ग्रुप्स पर रेड (IT Raid In Hyderabad) की थी।
स्पुतनिक-V निर्माण के लिए करार
आयकर विभाग की इस कार्रवाई में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इस फार्मास्यूटिकल ग्रुप ने कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-V के निर्माण के लिए रूसी कंपनी से करार कर रखा है। इसके ज्यादातर प्रोडक्ट विदेशों यानी अमेरिका, यूरोप, दुबई और अन्य अफ्रीकी देशों में एक्पोर्ट किए जाते हैं। तलाशी के दौरान कई बैंक लॉकर पाए गए हैं। रेड के दौरान बरामद हुए कैश और अन्य बेनामी आय की जांच की जा रही है।