ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। पेटा यानी पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स यानी पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोग। सोमवार को इनके ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि शादी समारोहों में घोड़ी का उपयोग करना अपमानजनक और क्रूर है। इस ट्वीट पर बवाल होना तय तो था ही, सो शुरू भी हो गया।
लोग पेटा के खिलाफ जमकर ट्वीट कर रहे हैं और पेटा आज ट्विटर पर ट्रेंड करने लग गया है। किसी ने पेटा की मान्यता रद्द करने की मांग की है तो कुछ लोग पेटा को ब्राह्मणवादी बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि पेटा को बकरीद पर कटने वाले बकरे नहीं दिखते क्या?
सबसे पहले तो आप पेटा का ट्वीट देखिए
पेटा यानी पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स के ट्विटर हैंडल पर सोमवार को शाम करीब 7 बजे लिखा गया, ‘शादी समारोहों में घोड़ी का उपयोग करना अपमानजनक और क्रूर है।’ इसके बाद से ही पेटा लोगों को निशाने पर आ गया। कुछ लोगों ने पेटा को एंटी हिंदू बताया तो कुछ लोगों ने कहा कि पेटा पर बैन लगा देना चाहिए।
Using horses at wedding ceremonies is ABUSIVE and CRUEL.
— PETA India (@PetaIndia) October 11, 2021
सीबीआई के पूर्व निदेशक ने पेटा को बताया फ्रॉड
रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और सीबीआई के पूर्व निदेशक एम नागेश्वर राव ने लिखा कि फ्रॉड पेटा कंपनीज ऐक्ट के तहत रजिस्टर्ड एक चैरिटेबल कंपनी है। चैरिटेबल होने की आड़ में इसका उद्देश्य एंटी हिन्दू और एंटी इंडिया होना है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग करते हुए लिखा कि कंपनीज ऐक्ट की धारा-8 के तहत इसका पंजीकरण तुरंत रद्द किया जाए।
क्या पेटा ब्राह्मणवादी है?
पेशे से पत्रकार राहुल रोशन ट्विटर पर पेटा को रिट्वीट करते हुए लिखते हैं, ‘एक ऐसे युग में जब दलित दूल्हे भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वे भी घोड़ी की सवारी करेंगे, पेटा अब ये शिगूफा लेकर आया है। क्या पेटा गुप्त रूप से ब्राह्मणवादी है?’ उन्होंने अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता उदित राज को टैग भी किया है।
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जानवरों का कटना पेटा को नहीं दिखता?
सपना मदान नाम की ट्विटर यूजर लिखती हैं, घोड़ी चढ़ना क्रूर है, लेकिन त्योहारों पर जानवरों की हत्या क्रूर नहीं है। मैं खुश हूं कि मैंने बहुत पहले पेटा को डोनेट करना बंद कर दिया था। डॉ. राम नाम के हैंडल से लिखा गया कि सभी तरह की क्रूरता को बंद करने के लिए यह उचित समय है कि पेटा को बैन कर दिया जाए।
पेटा ने अमूल से कहा था- वीगन मिल्क पर स्विच करें
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब पेटा के ट्वीट पर इस तरह के सवाल उठे हैं। जानवरों के साथ क्रूरता रोकने के उद्देश्य से पेटा गाहे-बगाहे ट्वीट करता रहता है और लोग भी अपने हिसाब से पेटा की क्लास लगाते रहते हैं। कुछ महीनों पहले पेटा ने अमूल को वीगन मिल्क पर स्विच करने का सुझाव दिया था। तब अमूल (Amul) ने कहा था कि विदेशी फंड से चलाए जा रहे एनजीओ को भारतीय डेरी इंडस्ट्री को बर्बाद करने से बाज आना चाहिए।