नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अफगानिस्तान मुद्दे पर जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। जी-20 देशों का यह शिखर सम्मेलन वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने अफगान क्षेत्र को कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत बनने से रोकने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने अफगान नागरिकों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता और एक समावेशी प्रशासन का भी आह्वान किया।
जी-20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि किस तरह पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान के सर्वांगीण विकास में भारत ने अहम भूमिका निभायी है। अफगानिस्तान की सामाजिक और आर्थिक दशा को बदलने के लिए 500 से अधिक प्रोजेक्ट को भारत की मदद से पूरा किया गया। इससे वहां के युवाओं और महिलाआं की हालात में सुधार भी आए। इन कोशिशों से भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच एक खास मित्रता की भावना बनी। ऐसे में अभी वहां जिस तरह मानवीय त्रासदी और भूखमरी से पूरा भारत दु:खी है और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इस संकट में अफगानिस्तान के जरूरतमंद लोगों के साथ खड़ा हो।
PM Modi participated virtually in G20 Summit on Afghanistan today.
Stressed on preventing Afghan territory from becoming source of radicalisation & terrorism. Also called for urgent &unhindered humanitarian assistance to Afghan citizens & an inclusive administration, says PM. pic.twitter.com/m16174OmCp
— ANI (@ANI) October 12, 2021
पीएमओ ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि अफगानिस्तान पर जी- 20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक एकीकृत अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया तैयार करने का आह्वान किया, जिसके बिना अफगानिस्तान की स्थिति में वांछित बदलाव लाना मुश्किल होगा।
बता दें कि 20 देशों के समुह जी-20 की यह खास बैठक अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर आयोजित की गई थी। जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली की ओर से किया गया था, जिसके पास समूह देशों की अभी अध्यक्षता है।