ललितपुर, उत्तरप्रदेश। कोरोना लॉकडाउन में वहशी पिता पुत्री से रोज दुष्कर्म करता था। उसे नशीली दवाइयां दी जाती थीं। पुत्री ने बताया कि चाचा की मौत के बाद नशीली दवाइयों का सिलसिला थमा तब जाकर उसने पुलिस को तहरीर सौंपी।
सपा व बसपा जिलाध्यक्ष ने आरोपों को नकारा
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी बनाये गए समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी जिलाध्यक्षों ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसको बड़ा षड्यन्त्र बताया। सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव ने कहा कि वह किशोरी को जानते तक नहीं है। पिता जरूर कभी कभार उनके पास आया है। उनके उस भाई पर भी दुष्कर्म के आरोप लगाए गए जो चलने फिरने में असमर्थ है। यह किसी की राजनैतिक चाल व बड़ा षड्यन्त्र है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए 13 अक्तूबर को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को सौंपेंगे।
सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर उच्च स्तरीय जांच नहीं की गई तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे। वहीं बसपा जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार ने बताया कि वह किसी किशोरी व उसके पिता को नहीं जानते हैं। कभी उससे मिले तक नहीं। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है।