नई दिल्ली। भारत में दाखिल होने के बाद पाकिस्तानी आतंकी अशरफ उर्फ अली ने भारत की आइडेंटिटी बिहार में किसने बनाई थी? दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान कथित आतंकी अशरफ ने खुलासा किया है कि बिहार के एक गांव में सरपंच के जरिए उसने यह आईडी बनवाई थी।
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस को अशरफ से पूछताछ करने के लिए उसे दो हफ्ते हिरासत में भेजने का आदेश दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को दिया था, जिसे कथित तौर पर आतंकी वारदात को अंजाम देने और आईएसआई से संबंध रखने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
2004 में हुआ था दाखिल
कथित आतंकी जब पहली बार साल 2004 में पाकिस्तान से बांग्लादेश और कोलकाता होते हुए भारत में दाखिल हुआ था तो उसके बाद वह सीधे अजमेर शरीफ गया. अजमेर शरीफ में उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई, जिसके बाद वह उनके साथ बिहार चला गया. बिहार में जाकर उसने एक गांव में शरण ली और वहां पर कुछ समय रहकर सरपंच का विश्वास जीता और सरपंच से कागज में लिखवाकर गांव का निवासी होने की आइडेंटिटी बनवाई।
धीरे धीरे बनवाने लगा सारे दस्तावेज
कथित आतंकी अशरफ ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि बाद में वह दिल्ली आया और उसी आईडी के सहारे दिल्ली में पहले राशनकार्ड बनवाया और फिर वोटर आईडी कार्ड और उसके बाद पासपोर्ट बनवा लिया. इसी आईडेंटिटी की बदौलत वह देश के दूसरे राज्यों में भी गया और उसके बाद दिल्ली आकर उसने धीरे-धीरे अपने सभी दस्तावेजों को बनाना शुरू कर दिए. राशन कार्ड बनाने के बाद उसने वोटर आईडी कार्ड बनाया और उसके बाद पासपोर्ट तक बना डाला।
बिहार पुलिस करेगी जाँच
दिल्ली पुलिस अब इस पाकिस्तानी आतंकी के हवाले से दी गई जानकारी पर बिहार पुलिस से संपर्क कर सकती है. साथ ही उसकी आईडेंटिटी किस स्तर पर बनाई गई इसकी भी जांच की जा सकती है. आतंकी ने यह भी खुलासा किया कि वह जैसे-तैसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे दिल्ली पहुंचना चाहता था ताकि दिल्ली में रहकर एएसआई के लिए बेहतर काम कर सके और इसीलिए उसने इन राज्यों के कई चक्कर लगाए.
दिल्ली हाईकोर्ट ब्लास्ट में भी था शामिल
सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी ने यह खुलासा किया है कि उसने साल 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए ब्लास्ट से पहले रेकी की थी और उस रेकी में वह कई बार वहां पर आया था, लेकिन उसने बम धमाके में शामिल होने से इनकार कर दिया है. पुलिस ने धमाकों की साजिश में शामिल एक शख्स की फोटो उसे दिखाई है, जिसके बाद उसने उसे पहचाना लेकिन सही कहा कि उसने सिर्फ रेकी की थी धमाका किसी और ने किया था। स्पेशल सेल अब उसके इस दावे को वेरिफाई करेगी।
जम्मू कश्मीर बम धमाके में भी हथियार सप्लाई करने का खुलासा
कथित आतंकी अशरफ के जम्मू कश्मीर में भी बम धमाके और हथियार सप्लाई करने का खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक वह काफी समय जम्मू कश्मीर में रहा है, जिसके बाद बुधवार को एनआईए, जम्मू कश्मीर पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस स्पेशल सेल के दफ्तर में आतंकी से पूछताछ करने आएंगी और उसके जम्मू कश्मीर में जाने के साथ ही वहां पर साजिश का पता लगाएगी।
कई धमाको में ISI का हाथ
अब तक की पूछताछ में पता चला है कि 2009 में जम्मू के बस स्टैंड पर धमाका हुआ था, जिसमें 3-4 लोगों की मौत हो गई थी, जिसे आईएसआई अधिकारी नासिर के इशारे पर अंजाम दिया गया था।
अशरफ ने खुलासा किया कि 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए दो पाकिस्तानी आए थे। उनमें से एक का नाम गुलाम सरवर था। उसने जम्मू-कश्मीर में सेना के 5 जवानों की नृशंस हत्या में शामिल होने की बात कबूल की।