रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस बार अपना जन्मदिन नहीं मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कवर्धा में उपजे विवाद और इस वजह से कैद किए गए समर्थकों का हवाला देते हुए सार्वजनिक रूप से बयान दिया है कि इस साल वे अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे। उनके इस फैसले को कांग्रेस ने घड़ियाली आंसू बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह को वास्तव में कवर्धा की इतनी ही चिंता होती तो कवर्धा में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनती ही नहीं।
… तो तनाव ही नहीं होता
शुक्ला ने कहा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन अपने पुत्र अभिषेक सिंह और सांसद संतोष पांडेय को समझा लेते तो कवर्धा में तनाव होता ही नहीं। युवाओं के दो छोटे समूह के झगड़े को भारतीय जनता पार्टी संघ ने सांप्रदायिक तनाव का रंग देने का प्रयास किया। रमन सिंह के पुत्र पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय ने वहां पर माहौल को और बिगाड़ने का काम किया। रमन सिंह जेल में बंद उपद्रवी तत्वों के लिये चिंहित है लेकिन कवर्धा में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये दोनों पक्षों से शांति की अपील रमन सिंह ने कभी नहीं किया।
नौटंकी से क्या लाभ
शुक्ला ने कहा कि डॉ. रमन सिंह जन्मदिन नहीं मनाने की नौटंकी करने के बजाय अपने पुत्र को शांति और सद्भाव की शिक्षा देते तो प्रदेश और कवर्धा का ज्यादा भला होता। रमन सिंह प्रदेश के तीन बार 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे है। प्रदेश की जनता उनसे इतनी अपेक्षा तो रखती है कि खोई हुई सत्ता प्राप्ति के जतन के लिये वे प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब पर प्रहार नहीं करेंगे।