नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की खातिर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए गैर-उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दी है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के कर्मचारी भी बोनस के पात्र होंगे जो कर्मचारी 31 मार्च, 2021 तक सेवा में थे और वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान कम-से-कम छह महीने की निरंतर सेवा कर चुके हैं, वे भी इस बोनस के हकदार होंगे।
गैर-उत्पादकता से जुड़ा यह बोनस केंद्र सरकार के ग्रुप सी के कर्मियों और ग्रुप बी के उन सभी अराजपत्रित कर्मचारियों को मिलेगा, जो किसी उत्पादकता से जुड़ी बोनस योजना के दायरे में नहीं आते हैं। बोनस के भुगतान की गणना की सीमा 7,000 रुपये मासिक की होगी। व्यय विभाग ने कहा कि बोनस की मात्रा की गणना औसत परिलब्धियों/गणना की उच्चतम सीमा, जो भी कम हो, के आधार पर की जाएगी।
एक दिन की खातिर बोनस की गणना करने के लिए एक वर्ष में औसत परिलब्धियों को 30.4 (महीने में दिनों की औसत संख्या) से विभाजित किया जाएगा। इसके बाद दिए गए बोनस के दिनों की संख्या से इसे गुणा कर दिया जाएगा। ज्ञापन में कहा गया है कि 7,000 रुपये की मासिक परिलब्धियों की गणना की सीमा को देखते हुए, 30 दिनों के लिए बोनस 6,908 रुपये होगा।
पार्ट टाइम कर्मियों को यह बोनस नहीं मिलेगा। वे कर्मचारी जो पिछले तीन साल से अलग-अलग विभागों में काम कर रहे थे और 31 मार्च 2021 को भी वे किसी विभाग में थे, इनके लिए भी एक नियम बनाया गया है। इनकी योग्यता तीन साल के कार्यकाल से तय होगी। एक साल में 240 दिन के दौरान वे एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में चले गए हों और उन्हें एक्सग्रेसिया या दूसरे भत्ते नहीं मिलें हों तो उन्हें यह बोनस मिलेगा।
पार्ट टाइम कर्मियों को यह बोनस नहीं मिलेगा। वे कर्मचारी जो पिछले तीन साल से अलग-अलग विभागों में काम कर रहे थे और 31 मार्च 2021 को भी वे किसी विभाग में थे, इनके लिए भी एक नियम बनाया गया है। इनकी योग्यता तीन साल के कार्यकाल से तय होगी। एक साल में 240 दिन के दौरान वे एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में चले गए हों और उन्हें एक्सग्रेसिया या दूसरे भत्ते नहीं मिलें हों तो उन्हें यह बोनस मिलेगा।