भारतीय सेना (Indian Army) ने 16 कोर सैनिकों द्वारा शेष तीन से चार इस्लामिक जिहादियों को बेअसर करने के प्रयासों के साथ राजौरी सेक्टर के घने जंगलों में चल रही मुठभेड़ में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े छह आतंकवादियों को मार गिराया है. राजौरी के जंगलों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के नौ सेनिकों को खोने के बाद, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने 16 अक्टूबर को क्षेत्र का दौरा किया और चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों को संभालने वाले स्थानीय कमांडरों के साथ चर्चा की.
पिछले दो से तीन महीनों में नौ से 10 लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी पाकिस्तान से राजौरी-पुंछ जिले की सीमाओं के बीच के जंगलों की ओर घुसपैठ कर चुके हैं. जबकि एलओसी पर और बाड़ के साथ घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम कर दिया गया था, पाक आतंकवादी अफगानिस्तान में अपनी सफलता से उत्साहित थे और उस हद तक भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आतंकवादी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था.
रणनीति में बदलाव
जब भारतीय सैनिक आतंकवादियों को पकड़ने के लिए में भाग रहे थे, मौके पर ही आतंकवादियों की मौजूदगी के साथ क्षेत्र के चारों ओर एक घेरा स्थापित करने के निर्देश जारी किए गए थे. रणनीति में बदलाव यह था कि अब यह आतंकवादियों पर छोड़ दिया गया था कि वे जीवित रहने के लिए आस-पास के गांवों से पुनःपूर्ति प्राप्त करने के लिए आंदोलन करें और इस तरह खुद को लक्ष्य के रूप में उजागर करें.
एक कमांडर ने कहा कि जंगल में युद्ध के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है और सैनिकों को निर्देश दिया जाता है कि वे सतर्क रहें और आतंकवादियों को आमने-सामने उलझाकर हताहतों से बचें. चूंकि समय की कोई बाधा नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना आतंकवादियों को खदेड़ेगी और उनका सफाया करेगी.