लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका वाड्रा एक बड़ा दांव खेल गई हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा देते हुए आने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश की कुल 403 विधानसभा की सीटों में से 40 फीसदी यानी 161 सीटो पर महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारे जाने की घोषणा कर दी है। प्रियंका का यह राजनीतिक पैतरा कांग्रेस को कितना फायदा दिलाएगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह सत्तादल भाजपा को झकझोरने वाला है।
परिवारवाद से कोई परहेज नहीं
कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने यूपी विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने की घोषणा कर दी है। इस फैसले से उत्तरप्रदेश भाजपा में कितनी हलचल होगी, यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन कांग्रेस में इसका खासा असर नजर आने लगा है। प्रियंका ने परिवारवाद के सवाल पर स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें इस बात से कोई परहेज नहीं है। प्रियंका ने यह तक कह दिया है कि मौजूदा नेताओं या कांग्रेस समर्थित परिवार की महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारने में किसी तरह की दिक्कत उन्हें नहीं है।
प्रियंका के चुनाव लड़ने पर संशय
यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस महासचिव ने बड़ा दांव तो खेल दिया है, लेकिन उनके खुद के चुनाव मैदान में उतरने पर संशय बरकरार है। प्रियंका ने कहा कि 15 नंवबर तक टिकट के लिए आवेदन किया जा सकता है। वहीं कांग्रेस से मुख्यमंत्री के चेहरे पर बात को टालते हुए कहा कि फिलहाल इस पर बात नहीं हुई है। ना ही फैसला लिया गया है।
कॉन्फ्रेंस में केवल दो महिलाएं साथ
कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने यूपी में विधानसभा चुनाव के परिणाम को अपने पक्ष में करने के लिए महिला उम्मीदवारी का दांव तो फेंका है, लेकिन चौंकाने वाली हकीकत यह है कि आज हुए कॉन्फ्रेंस के दौरान मंच पर उनके साथ केवल दो ही महिलाएं थी, जबकि पुरुषों की संख्या आधा दर्जन से ज्यादा। ऐसे में उनका यह दांव कांग्रेस के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा, आने वाला वक्त ही बताएगा।