कोरोना जहां से चला था, उसकी एक बार फिर वहीं वापसी हो गई है। जिसने पूरी दुनिया के गड्ढा खोदा था, वही अब उसी खाई में धंसता नजर आ रहा है। जी हां, बात यहां चीन की हो रही है, जिसने दो साल पहले दुनिया को कोरोना वायरस जैसी महामारी के चंगुल में फंसा दिया था, पूरी दुनिया त्राही—त्राही कर रही थी। उसी चीन ने सबसे पहले 100 करोड़ डोज देशवासियों को लगाया, बावजूद उसके चीन में कोरोना का प्रसार अब भी जारी है।
चीन में सरकार ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सैकड़ों फ्लाइट रद्द कर दी हैं। प्रभावित इलाकों में स्कूल बंद कर दिए हैं और कुछ जगहों पर लॉकडाउन भी लगा दिया है। सरकार ने लोगों से जरूरी होने पर ही बाहर निकलने को कहा है। इसके अलावा वायरल से लड़ने के लिए सरकार ने बड़े स्तर पर टेस्टिंग शुरू कर दी है।
कोरोना के नए मामले देखे जा रहे
चीन ने हमेशा वायरस को लेकर सतर्कता बरती और जीरो नीति का पालन किया है। अपनी सीमाओं पर सख्ती बरती और लॉकडाउन का भी सख्ती के साथ पालन किया। उस समय जब दूसरे देश कोरोना प्रतिबंधों में ढील दे रहे हैं तब चीन में कड़ाई के साथ कोरोना प्रतिबंधों का पालन किया जा रहा था। लेकिन इन सब के बावजूद एक बार चीन में कोरोना के नए मामले देखे जा रहे हैं।
नए मामले देख देश की चिंता बढ़ गई
चीन में घरेलू स्तर पर अब तक कोरोना वायरस को नियंत्रित करके रखा गया लेकिन लगातार पांचवे दिन कोरोना के नए मामले देख देश की चिंता बढ़ गई है। चीन में ये ज्यादातर मामले देश के उत्तरी और उत्तरी पश्चिमी प्रांत से सामने आए हैं। सरकार ने इन इलाकों प्रतिबंध कड़े कर दिए हैं। सामने आ रहे नए मामलों के लिए एक वृद्ध दंपति को जिम्मेदार बताया जा रहा है जो एक टूरिस्ट ग्रुप का हिस्सा था।
टूरिस्ट जगहों को भी बंद कर दिया
बता दें कि कोरोना से निपटने के लिए चीन की सरकार ने बड़े स्तर पर टेस्ट करने शुरू कर दिए हैं और टूरिस्ट जगहों को भी बंद कर दिया है। इसके अलावा उन जगहों के स्कूलों और मनरंजन स्थलों को बंद कर दिया गया है, जहां वायरस का प्रभाव ज्यादा देखने को मिला है। कई इलाकों के नागरिकों को सलाह दी गई है कि जरूरी होने पर ही घर बाहर निकला जाए।