स्ट्रिंग थ्योरी के को-फाउंडर मिचिओ काकू अपनी पुस्तक द फ्यूचर ऑफ ह्यूमेनिटी में सभ्यता के तीन चरण के बारे में बताते हैं Type-1, Type-2 और Type-3 Civilization। Type-1 सिविलाइजेशन वह सभ्यता होती है, जो अपने प्लेनेट को पूरी तरह कंट्रोल करके उसकी ऊर्जा का इस्तेमाल करती है। वहीं Type-2 सिविलाइजेशन में उन्होंने उस सभ्यता को रखा है, जो अपने सौर मंडल को नियंत्रित कर सकती है और अपने सूर्य की ऊर्जा का इस्तेमाल अपने विकास के लिए करती है। अंत में आती है Type-3 सिविलाइजेशन।
Contents
स्ट्रिंग थ्योरी के को-फाउंडर मिचिओ काकू अपनी पुस्तक द फ्यूचर ऑफ ह्यूमेनिटी में सभ्यता के तीन चरण के बारे में बताते हैं Type-1, Type-2 और Type-3 Civilization। Type-1 सिविलाइजेशन वह सभ्यता होती है, जो अपने प्लेनेट को पूरी तरह कंट्रोल करके उसकी ऊर्जा का इस्तेमाल करती है। वहीं Type-2 सिविलाइजेशन में उन्होंने उस सभ्यता को रखा है, जो अपने सौर मंडल को नियंत्रित कर सकती है और अपने सूर्य की ऊर्जा का इस्तेमाल अपने विकास के लिए करती है। अंत में आती है Type-3 सिविलाइजेशन।Type-3 सभ्यता पूरी आकाशगंगा को कंट्रोल करने की क्षमता रखती है। हमारा ब्रह्मांड 90 बिलियन प्रकाश वर्ष में फैला हुआ है। ऐसे में इस बात की एक बड़ी संभावना जताई जाती है कि अंतरिक्ष में ऐसी इंटेलिजेंट लाइफ जरूर इवोल्व हुई होगी, जो टाइप-1,2 या 3 के चरण को पूरा करती हो। आज जिस फर्मी पैराडॉक्स की बात हम करने जा रहे हैं, उसका संबंध इसी के साथ जुड़ा है। आइए जानते हैं इस अनोखे फर्मी पैराडॉक्स के बारे में….इस अनोखी थ्योरी को नोबेल पुरस्कार विजेता और इटालियन अमेरिकन फिजिसिस्ट Enrico Fermi ने दिया था। इस थ्योरी की परिकल्पना कहती है कि 90 बिलियन प्रकाश वर्ष में फैले इस विशाल ब्रह्मांड में अरबों की संख्या में तारे मौजूद हैं। हमारी मिल्की वे अकाशगंगा में सूर्य जैसे करीब 20 बिलियन तारे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अगर 0.1 प्रतिशत तारों के हेबिटेबल जोन में कोई प्लेनेट है, तो करीब 10 लाख प्लेनेट ऐसे हो सकते हैं, जहां पर पृथ्वी के जैसा ही जीवन मौजूद हो।ऐसे में इस बात की बड़ी संभावना है कि उन ग्रहों पर इंटेलिजेंट लाइफ विकसित हो चुकी है या हुई होगी। हालांकि जीवन और इस ब्रह्मांड को लेकर हमारी समझ काफी सूक्ष्म है। वैज्ञानिकों द्वारा इस बात के बड़े कयास लगाए जाते हैं कि इस ब्रह्मांड में ऐसी कई इंटेलिजेंट लाइफ हैं, जो हमारी समझ के भी परे हैं।फर्मी पैराडॉक्स की मानें तो ये इंटेलिजेंस लाइफ इतनी एडवांस हो चुकी हैं कि उनके द्वारा आसानी से इंटरेस्टेलर ट्रेवल भी किया जा सकता है। वे किसी भी ग्रह सूर्य और तारों के निकट आसानी से आ जा सकते हैं। फर्मी पैराडॉक्स में ऐसे कई दावे किये गए हैं, जिनके बारे में सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।फर्मी पैराडॉक्स के अनुसार उन एडवांस एलियन लाइफ द्वारा आकाशगंगा में कई ग्रहों को अपना उपनिवेश बनाया गया होगा। अगर कोई एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल लाइफ इतनी उन्नत हुई होगी कि जो सिविलाइजेशन के तीसरे चरण पर पहुंच गई हो, तो उसके द्वारा पूरी आकाशगंगा को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर ये हुआ है तो सभी के सभी एलियंस कहां हैं? इसी पैराडॉक्स को फर्मी पैराडॉक्स के नाम से जाना जाता है।