विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का एक तकनीकी सलाहकार समूह भारत की कोवैक्सीन (Covaxin) के डेटा की समीक्षा कर रहा है. ऐसे में कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल वाली वैक्सीनों की सूची में शामिल किए जाने पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है. WHO की एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी.
भारत में लाखों लोगों ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) द्वारा घरेलू स्तर पर तैयार की गई कोवैक्सीन को लगवाया है. लेकिन WHO द्वारा मंजूरी नहीं मिलने की वजह से वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं कर पा रहे हैं. WHO प्रवक्ता ने कहा, भारत में निर्मित कोवैक्सीन की समीक्षा आज की जा रही है. प्रवक्ता ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि अगले 24 घंटों के भीतर कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है. WHO ने पहले इस बात पर जोर दिया था कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोवैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है, एक वैक्सीन का अच्छी तरह से मूल्यांकन करना चाहिए।
वैक्सीन की मंजूरी में हो रही देरी को लेकर WHO ने क्या कहा?
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को तैयार किया है. इसने वैक्सीन की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (ईयूएल) के लिए 19 अप्रैल को WHO को ईओआई (एस्कप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) पेश किया था. वैक्सीन की मंजूरी में हो रही देरी को लेकर WHO ने कहा कि वह इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए किसी भी प्रोडक्ट को मंजूरी देने से पहले सुरक्षा में कोई भी कटौती नहीं कर सकता है. इसने कहा कि हम ये सुनिश्चित करने के लिए वैक्सीन का पूरी तरह से मूल्यांकान करते हैं कि ये सुरक्षित और प्रभावी है. WHO ने कहा कि भारत बायोटेक नियमित आधार पर डेटा मुहैया करा रहा है और विशेषज्ञों ने इन डेटा की समीक्षा की है.
विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों को मिलेगी राहत
यदि WHO से इमरजेंसी इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल जाती है तो ये उन भारतीयों के लिए खासा मायने रखेगा, जिन्होंने कोवैक्सीन को लगवाया है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोवैक्सीन लगवाने वाले भारतीय बिना किसी परेशानी के अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर सकेंगे. वैक्सीन की मंजूरी में हो रही देरी की वजह से उन छात्रों और व्यापारियों को प्रभावित कर रही है।