मुरैना। चंबल घाटी में शांति के प्रणेता और ‘पद्मश्री अवार्ड’ से सम्मानित डॉ. एसएन सुब्बाराव का निधन हो गया। 92 साल की उम्र में जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई।
गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव का जन्म कर्नाटक के बेंगलुरु में 7 फरवरी 1929 को हुआ था। अपने विचारों के दम पर ही चंबल घाटी में डकौतों को शांति का पाठ पढ़ाया था। उनके प्रयासो से ही कई बड़े डकौतों ने सरेडर किया था। 14 अप्रैल 1972 को डकैतों के बड़े सरेंडर के बाद एसएन सुब्बाराव चंबल अंचल में सुर्खियों में आए।
वे इसके लिए निरंतर डकैतों के संपर्क में रहे और उनका हृदय परिवर्तन कराने में सफल रहे। जौरा के गांधी सेवाश्रम में आयोजित सरेंडर कार्यक्रम में मोहर सिंह और माधौ सिंह जैसे बड़े डकैतों ने हथियार डाले। बाद में उप्र के बटेश्वर में भी एक सरेंडर कराया।