State Bank Of India(SBI) ग्रुप चीफ इकोनॉमिकल एडवाइजर सौम्या कांति घोष के मुताबिक, वैश्विक आपूर्ति की कमी और दुनिया में बढ़ती मांग के चलते तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। इस तरह के हालात साल 2010 में भी देखे गए थे, जब क्रूड ऑयल की कीमतें 100 डॉलर से भी ऊपर पहुंच गईं थी। हालांकि 2014 के अंत तक भारत में तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी।
हालांकि, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और COVID-19 के कारण सप्लाई चेन में रुकावट आने के कारण एक बार फिर से तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।