रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के साथ ही राज्योत्सव का भी आगाज हो गया है। साल 2019 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने प्रदेश में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की नींव रखी थी और हर साल वृहद आयोजन की घोषणा की थी। यह दूसरी बार है, जब आदिवासी परंपराओं और विकास को एक बड़ा मंच प्रदान किया गया है।
आज के इस महोत्सव का शुभारंभ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। इस मौके पर सीएम सोरेन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस वृहद सोच का परिचय दिया है, उसका कोई पर्याय नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि ‘मैं खुद भी आदिवासी परिवार से आता हूं और आदिवासी बाहुल्य राज्य का मुख्यमंत्री हूं।’
सीएम सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज के लोगों के पास उनकी परंपराएं, उनकी सभ्यता, प्रकृति से जुड़ाव ही असल धन हैं। वे बहुत धनी नहीं होते, लेकिन मेहनत और परिश्रम उनके रग—रग में दौड़ता है। दो राय नहीं कि आदिवासी परिवार से काफी लोग राजनीति के शीर्ष पर भी हैं, बावजूद इसके यह वर्ग आज भी देश में पिछड़ा ही है, जिन्हें आगे लाने के लिए सोच को विकसित करने की आवश्यकता है।
सीएम सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस आयोजन के जरिए देश और विदेश के आदिवासियों को जोड़ने में जिस अह्म भूमिका का निर्वहन किया है, वास्तव में सराहनीय है, इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छग में आदिवासी महोत्सव का आयोजन जब पहली बार किया गया, तो उसका शुभारंभ राहुल गांधी ने किया था। सीएम बघेल ने कहा कि बीते वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से आयोजन में अड़चन आई, लेकिन इसकी निरंतरता बनाकर रखी जाएगी। सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एक तिहाई आबादी आदिवासियों की है। आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के हक में उनकी सरकार फैसला कर रही है, ताकि उन्हें दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।