इस कारण बदला अपना नाम
फेसबुक ने Metaverse के कारण अपना नाम बदला है। Metaverse की बात करें तो यह वर्चुअल कंप्यूटर जनरेट स्पेस है, जहां पर यूजर्स एक-दूसरे के साथ आसानी से जुड़े रह सकते हैं। यह स्पेस वर्चुअल रियलिटी तकनीक पर आधारित है। मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि मेटावर्स के आने से यूजर्स को बहुत फायदा होगा। इसमें यूजर्स को पेरेंटल कंट्रोल जैसे लेटेस्ट फीचर्स का सपोर्ट दिया जाएगा। इसके अलावा वर्चुअल स्पेस में यूजर्स का निजी डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।
नए नाम से क्या होगा फायदा
सबसे पहले आपकी जानकारी के लिए बता दें फेसबुक को नए नाम का सुझाव पूर्व सिविक इंटीग्रिटी चीफ समिध चक्रवर्ती ने दिया था। कुछ समय पहले कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी में भारी निवेश किए थे, जिसके बाद से ही नाम बदलने के कयास लगाए जा रहे थे। अब कंपनी ने अपना नाम बदल दिया है। इससे अब रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और एक वर्चुअल दुनिया का निर्माण रहेगा।
यूजर्स पर क्या होगा इसका असर
कंपनी के मुताबिक, मेटावर्स वर्चुअल स्पेस को थ्री-डायमेंशन में प्लेस किया गया है, जहां यूजर्स अपना अवतार बना सकते हैं जो उनका प्रतिनिधित्व करेंगे। यह स्पेस दुनियाभर के यूजर्स को वीडियो गेम खेलने, फिल्म देखने, संगीत कार्यक्रमों में भाग लेने, सहकर्मियों के साथ जुड़े रहने में मदद करेगा। इतना ही नहीं इस वर्चुअल स्पेस में यूजर्स वैसे ही दोस्तों से मिल पाएंगे जैसे वह आमने सामने मिलते हैं। कंपनी का मानना है कि इससे यूजर्स का अनुभव बेहतर होगा।