बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में 2001 में जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ। जन्म से ही अनोखे दोनों भाईयों का जिस्म एक—दूजे से जुड़ा हुआ था। बीते 20 सालों से ये दोनों भाई दो सिर, चार हाथ और दो पैर पर एक साथ ही सारा काम किया करते थे। जिले के खैंदा गांव के निवासी इन दोनों भाईयों को लेकर चर्चाएं हमेशा आम रहती थी। कष्ट के बावजूद दोनों ने एक—दूसरे से अलग होना कभी स्वीकार नहीं किया। लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने अब हड़कंप मचा दिया है। हालांकि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
शिवराम और शिवनाथ के घरवालों के मुताबिक बीती रात इन भाइयों को तेज बुखार हुआ था। सुबह जब घरवाले इनके कमरे में पहुंचे तो दोनों की मौत हो चुकी थी। गांव में दोनों भाइयों के खुदकुशी कर लेने की चर्चा भी है। इन दोनों को ‘दो जिस्म एक जान’ के नाम पर भी देश और दुनिया में जाना जाता रहा है। मानव शरीर की अनोखी संरचनाओं पर रिसर्च करने वाली कई विदेशी टीमें भी बलौदाबाजार आकर शिवनाथ और शिवराम से मुलाकात कर चुकी थीं। दोनों मुस्कुराकर लोगों से मिला करते थे अब अचानक इनकी मौत ने खैंदा गांव के लोगों को भी उदास कर दिया है।
वह अलग नहीं होना चाहते
शरीर जुड़े होने की वजह से दोनों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। रोजमर्रा के कामों में भी दिक्कत आती थी। मगर अपने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में दोनों ने कहा था कि वह अलग नहीं होना चाहते। कई मशहूर मेडिकल संस्थान इनके शरीर की जांच कर चुकी है।
डॉक्टर्स ने हालांकि कहा था कि दोनों के शरीर को अलग करने में सेहत से जुड़े कई रिस्क फैक्टर हो सकते हैं। इसलिए परिजन भी फिलहाल इनके शरीर को अलग करवाने पर विचार नहीं कर रहे थे। दोनों भाई भी नहीं चाहते थे कि उन्हें ऐसी सर्जरी से अलग किया जाए। वह एक साथ अपनी जिंदगी को खुशी से बिता रहे थे तमाम मुश्किलों के बाद भी।